अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव ने साधकों के शरीर मन और आत्मा को किया तृप्त
सुबह योग सत्रों के लिए विभिन्न योग स्कूलों के लिए गंगा तट के मंत्रमुग्ध कर देने वाले वातावरण में अलग अलग व्यवस्था की गई थी
देहरादून/ऋषिकेश। हालिया संपन्न आरोग्य के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव ने देश विदेश से आए पर्यटकों को एक सुखद प्रवास प्रदान किया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आयोजित योग महोत्सव ने साधकों को राज्य के अभूतपूर्व आतिथ्य से परिचित तो कराया ही , साथ ही उन्हें मन की शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऋषिकेश में चले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में देश भर के प्रतिष्ठित योग स्कूलों के योगाचार्यों, योग प्रशिक्षकों, योग स्कूल के छात्रों एवं देश विदेश से आए पर्यटकों ने प्रतिभाग किया। योग स्कूलों में ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, शिवानंद आश्रम, राममणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णामचार्य योग मंदिरम के योगाचार्यों के सान्निध्य में योग साधकों योग के विविध प्रकार के आसन सीखे। योग अभ्यासों के अलावा , विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव के लिए विभिन्न आसनों से योग प्रशिक्षुओं को अवगत कराया गया, जो पहली बार आयोजित होने के साथ योग महोत्सव में आकर्षण का विषय भी रहा। डायबिटीज, जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, पाचन संबंधी रोग, तनाव, रक्तचाप संबंधी शारीरिक समस्याओं के उपचार हेतु योग साधकों ने योगाचार्यों से विभिन्न प्रकार के आसन सीखे। योग महोत्सव में अधिक से अधिक पर्यटकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार नि:शुल्क व्यवस्था की गई थी। आयोजन में पर्यटकों को, प्रतिभागी छह स्कूलों के शिविरों में से किसी भी शिविर में शामिल होकर योगाभ्यास करने की छूट दी गई थी। सुबह योग सत्रों के लिए विभिन्न योग स्कूलों के लिए गंगा तट के मंत्रमुग्ध कर देने वाले वातावरण में अलग अलग व्यवस्था की गई थी। प्रत्येक योग स्कूल के लिए अधिकतम पचास प्रतिभागियों की संख्या निर्धारित की गई थी। पहले ही दिन दो सौ से अधिक साधकों ने योग अभ्यास किया और अगले दो तीन दिन में यह संख्या 296 पहुँच गई। योग महोत्सव में इक्कीस देशों के योग प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया तथा उत्तराखण्ड सहित अठारह राज्यों के प्रशिक्षु भी जुटे। योग महोत्सव में आए मेहमानों ने वापस लौटने के दौरान योग हेतु मनमोहक वातावरण प्रदान करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद का विशेष आभार जताया। उत्तराखंड राज्य की योग ब्रांड एंबेसडर दिलराज प्रीत कौर ने कहा कि गंगा जी के तट पर योगाभ्यास ने पॉजिटिव एनर्जी का संचार किया। इस वर्ष का योग महोत्सव बहुत ही व्यापक तरीके से आयोजित किया गया। इसमें प्रत्येक योग प्रणायाम की अलग अलग बारीकियां देखने और सीखने को मिली। उन्होंने बताया कि योग के लिए सुंदर परिदृश्य प्रदान करने के साथ सफाई, स्वच्छता और प्रबंधन के मामले में पर्यटन विभाग का प्रयास काफी प्रशंसनीय है। कोलंबिया निवासी एवं राममणि अयंगर स्मृति योग संस्थान के एंजेलो ने बताया कि वे कुछ सालों से ऋषिकेश आते रहे हैं। ऋषिकेश के मनमोहक वातावरण, बहती हवा और गंगा तट पर बैठकर योग साधना करना उनके लिए वरदान से कम नहीं था। उन्होंने कहा कि योग महोत्सव के लिए इतना सुंदर प्रबंधन देखकर वे अभिभूत हुए एवं इसके लिए उन्होंने पर्यटन विभाग को धन्यवाद दिया। वहीं आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ीं प्रियंका ने कहा कि वो अद्भुत वातावरण के बीच योग साधना कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहीं है और पर्यटन विभाग को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन ही योग को विश्व भर में प्रसिद्धि दिलाते हैं। योग के अलावा, यह महोत्सव ध्यान योग सत्र एवं हास्य योग का भी साक्षी रहा जिसमें पहली बार हृदय एवं आत्मीय शांति के लिए हर्टफुलनेस संस्था के द्वारा ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। अन्य ध्यान सत्रों का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग एवं ब्रह्मकुमारी संस्थान द्वारा किया गया। लाफ्टर थेरैपी के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया गया।