नगर निगम के रिकार्ड रूम से करोड़ों की संपत्ति की फाइलें गायब
स्टाफ ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी
देहरादून। नगर निगम के रिकार्ड रूम से करोड़ों रुपये की प्रापर्टी व विवादित जमीनों की फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। फाइलें रिकार्ड रूम के ताले तोड़कर चोरी की गई हैं। बताया जा रहा है कि जहां से फाइलें गायब हुई हैं, वहां पर आठ कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। वहीं 24 घंटे सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहता है। पुलिस मामले में संदिग्ध मान रही है। धारा चौकी पुलिस टीम ने रिकार्ड रूम का दौरा कर साक्ष्य भी जुटाए। जानकारी के अनुसार, सुबह जब निगम के रिकार्ड रूम का स्टाफ ड्यूटी पर पहुंचा तो पाया कि वहां के ताले टूटे हुए हैं। स्टाफ जब अंदर दाखिल हुआ तो देखा कि फाइल अनुभाग से दो फाइलें गायब हैं। इन फाइलों में नगर निगम की करोड़ों रुपये की प्रापर्टी और विवादित जमीनों के कागज रखे हुए थे। स्टाफ ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। मामला गंभीर होने पर निगम के अधिकारियों ने शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। जांच के लिए धारा चौकी से एसआइ विजय प्रताप नगर निगम पहुंचे। उन्होंने रिकार्ड रूम के फाइल अनुभाग का जायजा लिया, जहां उन्हें बताया गया कि सभी फाइलें अपनी जगह पर रखी हुई थीं, केवल वही दो फाइलें गायब हैं। इन फाइलों में नगर निगम की प्रापर्टी के दस्तावेज रखे हुए थे। इसके बाद उन्होंने स्टाफ कर्मियों से पूछताछ की तो पता चला कि वहां पर आठ कर्मचारी काम करते हैं। चोरी की घटना रविवार रात को हुई है। ऐसे में स्टाफ ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया। नगर निगम से इस तरह से फाइलें गायब होने के कारण कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जहां से फाइलें गायब हुई, वहां पर एक सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहता है। यदि रिकार्ड रूम का ताला तोड़ा गया तो इसकी भनक किसी को भी क्यों नहीं लगी। इसके अलावा चोर ने केवल वही फाइलें कैसे चुराईं, जिनमें नगर निगम की प्रापर्टी के दस्तावेज थे। पुलिस भी यह मान रही है कि यह काम किसी ऐसे व्यक्ति का हो सकता है, जिसे अनुभाग के बारे में पूरी जानकारी थी। धारा चौकी इंचार्ज विवेक राठी ने बताया कि नगर निगम के रिकार्ड रूम से फाइलें गुम होने की सूचना मिली है। जांच के लिए एसआइ विजय प्रताप गए थे। मामला संदिग्ध लग रहा है, फिर भी गंभीरता से मामले की जांच की जा रही है। यदि किसी की संलिप्तता सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके लिए निगम परिसर और आसपास के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की जा रही है।