भाजपा सरकार हर मोर्चे में विफल
पूर्व में भी रुड़की में इस प्रकार का मामला हुआ था व उक्त मामले में भी आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी
Dehradun. आज भुवन कापडी-उपनेता प्रतिपक्ष/विधायक खटीमा ने विधानसभा स्थित कांग्रेस विधानमंडल कक्ष में एक पत्रकार वार्ता को संम्बोधित करते हुए कहा कि, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में धांधली व विधानसभा भर्ती का जो मामला हुआ था वो मामले युवाओं से जुड़े है व हमारे द्वारा पूर्व में सचिवालय में धरना देकर UKSSSC मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गयी थी, लेकिन प्रदेश सरकार सीबीआई जांच को तैयार नही हुई व एसटीएफ जांच कराई गई, उक्त जांच में अभी तक 20 आरोपियों की जमानत हो चुकी है, एसटीएफ बिना सबूतों के लोगों को उठाती रही और वें लोग जमानत पर छूटते रहे। पूर्व में भी रुड़की में इस प्रकार का मामला हुआ था व उक्त मामले में भी आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी। उच्च न्यायालय में सरकारी वकील सरकार का पक्ष रखते है जिससे पता चलता है कि सरकार की मंशा क्या है। महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण मामले में भी सरकार के वकील असफल साबित हुए। सरकार के वकील अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर दायर रिट पिटीशन में सरकारी वकील एसटीएफ की जांच को कोर्ट में सही ठहराने में कामयाब रही। सरकार द्वारा लोक सेवा आयोग को ट्रांसफर की गई समूह ग की भर्ती में उनके द्वारा जटिल शर्ते रखी गयी है व उत्तराखंड के युवाओं के अधिकारों को मारा जा रहा है, इनके द्वारा इस परीक्षा में उत्तराखंड का स्थायी निवासी होने की बाध्यता के बजाय उत्तराखंड से 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा पास किये जाने की बाध्यता रखी गयी है। आज 2-3 भर्ती परिक्षाओं में उत्तीर्ण युवा भी सड़कों पर प्रदर्शन को मजबूर है। जीरो टारलेन्स, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, युवा नेतृत्व का नारा देने वाली ये भाजपा सरकार हर मोर्चे में विफल साबित हुई है वंही भाजपा की प्रदेश सरकार केवल छोटी-छोटी बातों में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का कार्य कर रही है व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली के दोषियों को बचाने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा गलत कम्पनी को परिक्षा कराने का ठेका दिया गया, जिससे इसमें सरकार की संलिप्तता परिलक्षित होती है। आज प्रदेश के युवाओं की मांग पर भी सरकार द्वारा सीबीआई जांच के बजाय एसटीएफ जांच करायी जा रही है। विधानसभा भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले दोषी नही है बल्कि भर्ती करने वाले दोषी है, जिन सफेदपोशो ने व्यवस्था के खिलाफ कार्य किया है वो दोषी है, विधानसभा भर्ती में मुख्यमंत्री से लेकर सभी मन्त्रियों में नौकरियों की बंदरबांट हुई है। सरकार युवाओं के भविष्य के लिए कोई नींव स्थापित नही कर पायी है। प्रदेश सरकार द्वारा फिल्मी स्टोरी की तरह पहले हाकम सिंह, केन्द्रपाल, चंदन मनराल व फिर सादिक मूसा पर उक्त धांधली का आरोप मढ़ा गया है। धीरे-धीरे सभी लोगो को जमानत मिल जाएगी। पत्रकार वार्ता में विजय पाल रावत, संदीप चमोली प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस आदि मौजूद रहे।