प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों का अत्यधिक महत्त्व
परम्परागत एवं मांग के अनुरूप उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही।
Dehradun. मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में एम.एस.एम.ई. की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों का अत्यधिक महत्त्व है। यह प्रदेश की आर्थिकी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान प्रदेश में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए सोवेनियर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोवेनियर के लिए डिजाईन, गुणवत्ता, उत्पादन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाए। मुख्य सचिव ने साईज और पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही, ताकि श्रद्धालुओं को इन्हें ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य स्तर एवं जनपद स्तर दोनों में शिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की स्कीम को लाने के लिए निवेशकों से सुझाव अवश्य लिए जाएं। उनके सम्मुख आ रही समस्याओं के निराकरण पर फोकस करते हुए निवेशकों को अधिक से अधिक सपोर्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं के सम्बन्ध में फील्ड स्तर पर फीडबैक जरूर लिया जाए, ताकि उद्यमियों द्वारा योजनाओं के अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके।
मुख्य सचिव ने वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट (ओडीटीपी) को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि ओडीटीपी को ग्रॉथ सेंटर्स से भी जोड़ा जा सकता है। इससे ग्रोथ सेंटर्स का स्कॉप बढ़ेगा। उन्होंने परम्परागत एवं मांग के अनुरूप उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। साथ ही कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करते हुए ऐसे कार्यक्रम संचालित किए जाएं जो रोजगार के लिए सहायक हों। मुख्य सचिव ने विभागीय प्रक्रमों को सरल किए जाने के निर्देश दिए। जिससे निवेशकों एवं स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन किया जाए। सिंगल विंडो सिस्टम में अधिक से अधिक फोकस किया जाए। इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक उद्योग श्री रोहित मीणा सहित निदेशक श्री सुधीर नौटियाल एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे.