दशकों तक पाकिस्तान के इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर था अवैध कब्जा, अब फिर से बनकर तैयार हुआ
पाकिस्तान के सिंध प्रदेश के एक ऐतिहासिक गुरुद्वारे का करीब 90 फीसद पुनर्निर्माण किया जा चुका है। पाकिस्तान के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PGSPC) ने उम्मीद जताई है कि भारत के सिख भक्तों को निकट भविष्य में सिंध के इस गुरुद्वारे में जाने की इजाजत दी जाएगी। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि फरवरी 2022 में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के शिकारपुर में गुरुद्वारा सचखंड फेली पटशाही के पुनर्निर्मित नए भवन के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान के सिंध पहुंचने की उम्मीद है।
सिखों के लिए क्यों अहम है ये गुरुद्वारा?
रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने 200 साल पहले पहले सिख गुरु नानक देव की याद में करवाया था। PSGPC के महासचिव विकास सिंह शिकारपुरी ने बताया है कि इस गुरुद्वारे का निर्माण श्री गुरु नानक देव जी की दुनिया की यात्रा के दौरान उनकी यात्रा की याद में किया गया था।
विकास ने बताया है कि गुरुद्वारा 1947 से दशकों तक अवैध कब्जे में रहा। हम 2010 में अवैध कब्जे को हटाने में कामयाब रहे थे और गुरु ग्रंथ साहिब जी को फिर से स्थापित किया गया था। वह बहुत पुरानी इमारत थी। गुरुद्वारे का नवीनीकरण किया गया है। करीब 90 फीसद निर्माण काम पूरा किया जा चुका है।
भारतीय सिख भी जा सकेंगे इस गुरूद्वारे?
उन्होंने बताया है कि निर्माण में अब तक 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड द्वारा और PGSPC द्वारा करीब 20-20 लाख रुपये दिए गए हैं। सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने गुरुद्वारे के निर्माण में सहयोग किया है। उन्होंने कहा है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस गुरुद्वारे के नवीनीकरण से भारत के सिख भक्त सिंध में सिख गुरुद्वारों की यात्रा कर सकेंगे। हमने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से अपील की है कि सिखों को पाकिस्तान में गुरुद्वारों में जाने की अनुमति दी जाए।