उत्तर प्रदेश समाचार

पर्यटन में करियर की असीमित संभावनाएं

पिछले तीन वर्षों में इस पर कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडॉउन और पाबंदियों का अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ा है।

फरीदाबाद। सराय ख्वाजा फरीदाबाद के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जूनियर रेडक्रॉस गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम में करियर ऑप्शन बारे में जागरूक किया। सराय ख्वाजा विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने जिन प्रमुख उद्योगों को सबसे अधिक क्षति पहुंचाई है उनमें से पर्यटन उद्योग भी है। पर्यटन का व्यापार से अभिन्न संबंध है, परंतु आज यह स्वयं अपने आप में एक उद्योग हो चुका है और पिछले तीन वर्षों में इस पर कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडॉउन और पाबंदियों का अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ा है। इस वर्ष का पर्यटन दिवस का संदेश रिथिंकिंग टूरिज्म रखा गया है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था इसे प्रतिबिंबित करेगी। इसका उद्देश्य शिक्षा और नौकरियों के माध्यम से और ग्रह पर पर्यटन के प्रभाव और अधिक स्थायी रूप से विकसित होने के अवसरों सहित विकास के लिए पर्यटन पर पुनर्विचार के बारे में बहस को प्रेरित करना है। ग्लासगो घोषणा पर्यटन में जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने और अगले दशक में उत्सर्जन को आधा करने और 2050 से पहले शुद्ध शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए वैश्विक लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धताओं को सुरक्षित करने के लिए एक समझौता है। 450 से अधिक संगठन इस घोषणा के हस्ताक्षरकर्ता बन गए हैं। पर्यटन पृथ्वी पर प्रत्येक दस व्यक्तियों में से एक को आजीविका देता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन ने 2022 के पहले पांच महीनों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा जिसमें अनुमानतः 250 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय आगमन दर्ज किए गए। इसका तात्पर्य है कि इस क्षेत्र ने पूर्व-महामारी 2019 के स्तर का आधा (46%) ठीक कर लिया है।पर्यटन विश्व के प्रमुख उद्योगों में सम्मिलित हो चुका है। इसके प्रभाव बहुत स्थाई और व्यापक होते हैं। विश्व में जहां यूरोप में पर्यटन एक बहुत बड़ा और प्रभावी उद्योग है, वहीं भारत में भी राजस्थान राज्य की पूरी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी है। पर्यटन कई लोगों के लिए रोजगार का आधार है वहीं कई जगह पर्याटन का आधार प्राकृतिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक आदि भी होते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ राजीव लाल, अमित कुमार, गीता, संजीव सहित अभी अध्यापकों का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।

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