कलिकाल में जितने भी तीर्थ है उन सभी तीर्थों को बनाने वाली गौमाता
राजा परीक्षित के राज में जब कलियुग का प्रवेश हुआ तो उसका पहला प्रहार गाय और बैल पर ही हुआ।
देहरादून। गौकथा वाचक संत गोपालमणि ने कहा है कि राजा परीक्षित के राज में जब कलियुग का प्रवेश हुआ तो उसका पहला प्रहार गाय और बैल पर ही हुआ। इस दृश्य को देखकर भारत के राजा परीक्षित बहुत दुखी हुए और कलियुग को तुंरन्त रोकते हुए कहा कि मेरे राज में तुम गौमाता पर प्रहार नही कर सकते हो। एक होटल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा(गौ-टीका) प्रवचन करते हुए गोपाल मणि महाराज ने कहा कि वर्तमान में सत्तसीन नेताओं को भी गौ के संवर्द्धन के लिए खड़ा होना होगा यदि कलियुग का प्रभाव कम करना है। आज इस कलिकाल में जितने भी तीर्थ है उन सभी तीर्थों को बनाने वाली गौमाता है। बिना गाय के किसी भी तीर्थ की कल्पना व्यर्थ है। उन्होने अगले वर्ष 2023 में गोपाष्टमी के दिन 20 नवम्बर को दिल्ली में होने वाले गौमाता राष्ट्रमाता महाजनआंदोलन के लिए सभी का आह्वान किया। इस अवसर पर इस कथा के मुख्य आयोजक बलवीर सिंह पंवार, उषा पंवार, वसुमती पंवार, मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण, अजय पाल सिंह रावत, आचार्य राकेश, सूरतराम डंगवाल, शूरवीर मटूड़ा, यशवंत सिंह रावत, आनन्द सिंह रावत, मंजू भंडारी, शशि भंडारी, सावित्री, माहेश्वरी जोशी, ममता भंडारी, मंजू नेगी, रोशनी उनियाल समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।