कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सियासी ढोंग : चौहान
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा से पहले कॉंग्रेस जोड़ो यात्रा शुरू करने की सलाह दी है।
देहरादून 9 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा से पहले कॉंग्रेस जोड़ो यात्रा शुरू करने की सलाह दी है। पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा कि जिस पार्टी के नेता आपस में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हों और आज़ादी के 70 सालों में धर्म व जाति आधारित राजनीति कर हमेशा देश को तोड़ने का काम किया हो, उसको भारत जोड़ो यात्रा जैसा ढोंग करने का कोई हक नहीं है। चौहान ने प्रदेश कॉंग्रेस की आज से शुरू यात्रा को पूरी तरह ढोंग यात्रा करार देते हुए आरोप लगाया कि कॉंग्रेस की यह यात्रा न केवल जनता को जोड़ने का नाटक है बल्कि स्वयं अपने कार्यकर्ताओं के सम्मुख भी किसी स्वांग से कम नहीं है। प्रदेश की जनता गवाह है, किस तरह पूर्व सीएम एवं स्वयंभू वरिष्ठतम नेता अपने ही पार्टी के प्रभारियों व स्थानीय दिग्गजों से सार्वजनिक लड़ रहे थे उस घटना को अधिक दिन नहीं हुए हैं और इनकी ही पार्टी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष पार्टी छोड़ने को लेकर उनको बदनाम करने की मुहिम के खिलाफ कोर्ट जाने की धमकी दे रहे थे। जिनके नेता सरेआम दूसरे गुट के नेताओं को कॉंग्रेस भवन के अंदर ही पिटाई करते हों, जिस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गुटबाजी को ही कार्यक्रम में भीड़ एकत्र करने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार मानती आई हो, उस पार्टी का भारत जोड़ो यात्रा निकालना किसी को हजम नहीं होने वाला। चौहान ने कॉंग्रेस द्धारा सांप्रदायिक व जातीय सद्भाव को अपनी यात्रा की अहम वजह बताने पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी के शीर्ष नेता देवभूमि में सांप्रदायिक आधार पर शिक्षा देने के हिमायती हों, जिस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाहरी लोगों के सत्यापन में भी संप्रदाय विशेष का पक्ष लेते हों और वोटों के लिए जातीय आधार पर नए नए आयोग बनाकर समाज को बांटने का काम करती हों आज उनका सांप्रदायिक व जातीय सद्भाव के लिए आंदोलन करने बात करना स्पष्टया ढकोसले से कम नहीं है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस के नेता ही नहीं कार्यकर्ता भी जमीन से पूरी तरह कट चुके है और जनता ने एक बार नहीं लगातार दो बार चुनावों में नकार दिया है। जिस पार्टी की जनता में विश्वसनीयता शून्य हो गयी हो, कम से कम ऐसी पार्टी को तो भारत जोड़ो यात्रा निकालने का नैतिक अधिकार नहीं है।