उत्तराखंड समाचार

निलम्बित पुलिस कर्मियों को तत्काल बहाल करने की मांग

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

देहरादून 2 अगस्त। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य के पुलिस कर्मियों का 4600 ग्रेड पे लागू करने तथा निलम्बित पुलिस कर्मियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश  कांग्रेस  महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर राज्य के पुलिस कांस्टेबलों को 4600 ग्रेड पे लागू करने तथा इस प्रकरण में निलम्बित पुलिस कर्मियों को बहाल करने की मांग की है।

करन माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के पुलिस कांस्टेबल वर्ग के कर्मचारियों द्वारा 4600 ग्रेड पे की लम्बे समय से मांग की जा रही है तथा सेवा नियमावली के अनुरूप वर्ष 2013 में पुलिस के इन सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था, परन्तु राज्य सरकार द्वारा ग्रेड पे की समय सीमा को बढ़ाकर 16 वर्ष कर दिया गया। 16 वर्ष की बढी हुई समय सीमा समाप्त होने के उपरान्त भी उन्हें 4600 ग्रेड पे नहीं दिया गया अपितु इस समय सीमा को बढ़ाकर 20 वर्ष कर दिया गया। जिसके उपरान्त पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा शांतिपूर्ण आन्दोलन का रास्ता अपनाया गया तथा वे लम्बे समय से आन्दोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के वित्त विभाग द्वारा आर्थिक बोझ का हवाला देते हुए पुलिस के इन जवानों को एकमुश्त 2-2 लाख रूपये देने सम्बन्धी सिफारिश की गई, जिसे आप ही के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के मंत्रिमण्डल द्वारा कैबिनेट में मंजूरी भी दी गई इसके बावजूद इन पुलिस कर्मियों को यह राशि नहीं मिल पाई जिससे पुलिस कर्मियों के परिजनों में रोष व्याप्त है तथा वे लगातार आन्दोलनरत हैं।   करन माहरा ने कहा कि पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन को हिटलरशाही तरीके से कुचला जा रहा है इसी की परिणति है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर आन्दोलनरत पुलिस कर्मियों के परिजनों का मानसिक उत्पीडन करने की नीयत से विभिन्न जनपदों में कार्यरत तीन पुलिस कर्मियों को निलम्बित किया गया है, जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की इस कार्रवाई से विभिन्न जपदों में सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों तथा उनके परिजनों का मानसिक एवं आर्थिक उत्पीडन होने के साथ-साथ उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है। पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों की इस प्रकार की कार्यप्रणाली से न केवल प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल के फैसले पर सवालिया निशान लगते हैं अपितु पुलिस कर्मियों का मनोबल टूटने के साथ-साथ विभाग की छबि भी धूमिल हुई है।करन माहरा ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि तीनों पुलिस कर्मियों का निलम्बन तत्काल प्रभाव से वापस लेने के साथ ही वित्त विभाग की रिफारिश के अनुरूप पुलिस कांस्टेबलों को 2-2 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की जाय तथा विभाग में समयबद्ध 4600 ग्रेड पे लागू किया जाय।

 

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