अग्निपथ योजना का राजधानी दून में सर्वदलीय विरोध
उत्तराखंड के युवाओं को बचाने के लिए इस गलत योजना का लगातार विरोध किया जाएगा।
देहरादून। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का राजधानी दून में सर्वदलीय विरोध जताया गया। विरोध करने वाले दलों ने केंद्र सरकार पर बेरोजगार युवाओं को धोखा देने का आरोप लगाया। आज उत्तराखंड राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कई दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पहले चीडबाग स्थित सैन्य धाम में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद राजभवन की ओर कूच किया। सभी को कुछ ही दूरी पर बैरिकेड लगाकर रोक लिया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया गया। विरोध के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सत्य नारायण सचान की तबियत बिगड़ गई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
प्रदर्शन कारियो की सभा को सम्बोधित करते हुये पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को तत्काल इस युवा और राष्ट्र विरोधी अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए। उत्तराखंड के युवाओं को बचाने के लिए इस गलत योजना का लगातार विरोध किया जाएगा। इसके लिए लगातार सत्याग्रह चलाया जाएगा। कहा की सेना भर्ती उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार का एक बड़ा जरिया है। सालों से युवा इसकी रात दिन तैयारी कर रहे हैं। अब सीधी भर्ती की जगह अग्निवीरो की भर्ती कर युवाओं को झटका दिया गया। पहले से भर्ती की फिजिकल परीक्षा पास कर चुके 50 हजार युवाओं को भर्ती निरस्त कर नुकसान पहुंचाया गया है। अग्निपथ योजना के कारण रेजीमेंट सिस्टम आने वाले कुछ वर्षों में पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। राज्यों के मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं की अग्निवीरों को तत्काल नौकरी दी जाएंगी। जबकि हकीकत ये है की छह साल में एक भी पूर्व सैनिक को नौकरी नहीं दी गई है। एक भी पूर्व सैनिक को पैरा मिलिट्री फोर्स में नौकरी नहीं दी गई है। कोई भी पुलिस में भर्ती नहीं हुआ है। उद्योगपति दावा कर रहे हैं की उधोगों में नौकरी दी जाएगी, जबकि छह महीने में ही नौ हजार को नौकरी से निकाल दिया गया है। कहा की इस विवादास्पद योजना के बचाव में वर्किंग सैन्य अफसरों को आगे कर दिया गया है। जो एक गलत परम्परा शुरू की गई है। सरकार बताए की सिर्फ छह महीने की ट्रेनिंग से कैसे अग्निवीर अत्याधुनिक हथियारों को संचालित कर पाएंगे। सरकार को चाहिए की इस गलत निर्णय को वापस ले। लोकतंत्र में गलत निर्णय वापस लेने वाले भी महान कहलाते हैं। इस योजना को वापस लेने को लेकर केंद्र पर दबाव बनाया जाएगा। राज्य के प्रधान, महिला और पूर्व सैनिकों के जरिए पीएम को पत्र भेजे जाएंगे। पूर्व सैनिक परंपरा को बर्बाद करने वाली इस योजना का विरोध जारी रहेगा। विरोध जताने वालों में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उक्रांद अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी, टीपीएस रावत, समर भंडारी, सुरेंद्र अग्रवाल, सत्यनारायण सचान, एसएस पांगती, आदि मौजूद रहे।