देश को पानी पिलाने वाला उत्तराखंड जल प्रबंधन में पिछड़ा
जल प्रबंधन के अनुसार जल सूचकांक स्कोर सिर्फ 26 है
हल्द्वानी : देशभर को पानी पिलाने वाला उत्तराखंड राज्य जल प्रबंधन में सबसे पीछे चल रहा है। जल संरक्षण के मामले फिसड्डी साबित हो रहे राज्य में पानी की कोई कमी नहीं है, गंगा और यमुना जैसी नदियों का उद्गम स्थल यहां होने के बावजूद प्रबंधन की कमी के कारण कई क्षेत्र पानी के संकट से जूझ रहे हैं। गर्मियों में तो हालात और अधिक बदतर हो रहे हैं।नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हिमालयी राज्यों में सबसे अधिक खराब हालात उत्तराखंड और मेघालय के हैं। जिनका जल प्रबंधन के अनुसार जल सूचकांक स्कोर सिर्फ 26 है। जबकि त्रिपुरा 59 अंक के साथ सबसे टाप पर है। पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की स्थिति भी उत्तराखंड से दोगुनी अच्छी है। ये स्कोर 100 अंक में से दिए जाते हैं, जिसके अनुसार 50 से कम स्कोर होने पर जल संसाधन प्रबंधन को लेकर विशेष सुधार करने की आवश्यकता होती है।कुछ दिनों पूर्व भीमताल पहुंचे मैग्सेसे अवार्ड विजेता जल पुरुष डा. राजेंद्र सिंह ने भी प्रदेश के जल प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी। उनके मुताबिक उत्तराखंड में पानी तो खूब बरसता है पर यह सीधे मैदानी क्षेत्रों में पहुंच जाता है। जरूरी है कि इससे यहां के जल स्रोत रिचार्ज हो।