पूर्व सीएम राजीव नवोदय स्कूल बंद करने से नाखुश
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से स्थापित स्कूलों को बंद किया गया तो विरोध किया जाएगा।
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना हैं कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से स्थापित स्कूलों को बंद किया गया तो विरोध किया जाएगा। आज अपने फेस बुक पेज पर एक पोस्ट करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा हैं की शिक्षा के क्षेत्र में कांग्रेस की सरकार ने मंत्री प्रसाद नैथानी की पहल पर उत्तराखंड की शिक्षा पद्धति में सुधार के निरंतर प्रयास किये, राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय, राज्य में जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर खड़े किये गए। 2014-15 में हमने उसी तर्ज पर राजीव गाँधी अभिनव स्कूल जो उन स्कूलों के बच्चों के लिए बनाये गए जिन क्षेत्रों में छात्रों की कमी से स्कूल बंद हो रहे थे और जो बच्चे पढ़ना चाहते थे, उनके सामने एक ही विकल्प रहता था या तो प्राइवेट स्कूल में जाएं और यदि फीस नहीं दे सकते हैं तो फिर घर बैठें, उन बच्चों के लिए राजीव गाँधी नवोदय स्कूल की तर्ज पर राजीव गाँधी अभिनव स्कूल स्थापित किये गए। इसी दौर में हमने हाई स्कूल और इंटर स्कूल के स्तर पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए भी 575 मॉडल स्कूल चयनित किये और उनको विकसित किया। चलिए मॉडल स्कूलों का आप नाम बदल लीजिये, मगर आप राजीव गाँधी अभिनव स्कूल और राजीव गाँधी नवोदय स्कूलों को बंद कर रहे हैं, आपको इस देश में आधुनिक, दूर संचार व कंप्यूटर क्रांति के अग्रदूत, पंचायती व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा देने और 18 साल के नौजवान को भी वोट का अधिकार देने वाले राजीव गाँधी से इतनी नाराजगी क्यों हैं कि आप उनके नाम पर स्थापित स्कूलों को बंद कर रहे हैं! ये दुष्प्रयास हैं, मैं इस दुष्प्रयास की घोर निंदा करता हूँ और यदि सरकार ने अपने इस दुष्प्रयास को नहीं छोड़ा तो मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रार्थना करूँगा कि इस दुष्प्रयास के विरोध में अपने घर में ही बैठ कर सही उपवास प्रारंभ करें और गांधी वादी तरीके से अपने-अपने लोकतांत्रिक विरोध को दर्ज करें। मैं भी 1 जून को इस तरीके का विरोध अपने आवास पर उपवास के माध्यम से दर्ज करूँगा। मगर एक बात याद रखो आप राजीव गाँधी नवोदय स्कूल, राजीव गाँधी अभिनव स्कूलों को बंद कर सकते हैं, लेकिन लोगों की स्मृति से आप राजीव गाँधी को नहीं निकाल सकते।