उत्तराखंड समाचार

बाघ और बाघिन फिर पनियाली के जंगल में पहुंचे, तमाम कोशिशों के बाद भी सफल नहीं हुआ अभियान

मंगलवार को बाघ और बाघिन दोनों की मौजूदगी पनियाली क्षेत्र में मिली।

हल्द्वानी: फतेहपुर रेंज के पनियाली क्षेत्र में बाघ और बाघिन के कैमरा ट्रैप में नजर आने पर मंगलवार को वन विभाग की टीम को बड़ी उम्मीद जगी थी। जिसके बाद सुबह आठ बजे से रात साढ़े आठ बजे तक तीन हाथियों में सवारी चिकित्सक व वनकर्मी ट्रैंकुलाइज गन थाम अलर्ट मोड पर आ गए। लेकिन साढ़े 12 घंटे की मेहनत के बाद भी सामने नजर नहीं आ सके। हालांकि, वन विभाग को उम्मीद है कि दोनों मूवमेंट कुछ दिन अब इसी क्षेत्र में रहेगा। लिहाजा अभियान अंतिम चरण में पहुंच सकता है।फतहेपुर रेंज में पिछले साल दिसंबर से लेकर मार्च तक छह लोगों की बाघ के हमले में मौत हो चुकी है। शुरुआत से वन विभाग को शक था कि इन सभी घटनाओं को एक बाघ ने अंजाम दिया होगा। लेकिन पनियाली और दमुवाढूंगा में दो पुराने घटनास्थलों के आसपास एक बाघिन के मूवमेंट ने असमंजस में डाल दिया। कई बार वह कैमरों में भी कैद हुई। इसके बाद माना गया कि किसी घटना में इस बाघिन की भी भूमिका होगा। तभी वह घटनास्थल के आसपास नजर आ रही है।हालांकि, पिछले एक महीने से वह ओझल हो चुकी थी। लेकिन मंगलवार को बाघ और बाघिन दोनों की मौजूदगी पनियाली क्षेत्र में मिली। दोनों एक साथ तो नहीं चल रहे थे। लेकिन जंगल के भीतर एक-दूसरे से बहुत ज्यादा दूर भी नहीं थे। रेंजर केएल आर्य ने बताया कि इसके बाद हाथियों में सवार टीम ने रात साढ़े आठ बजे तक दोनों को ढूंढने का खूब प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिला। अब बुधवार सुबह टीम फिर से जंगल में पहुंच गई।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button