परिसंपत्ति बंटवारे पर पूर्व सीएम ने उठाए सवाल
एक बटवारा बड़ी धूमधाम से चुनाव से पहले किया गया था, खूब ढोल पीटा गया था।
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यूपी के साथ परिसंपत्ति बंटवारे पर प्रश्न उठाए हैं। श्री रावत ने अपने फेसबुक पेज पर आज एक पोस्ट करते हुये लिखा की यह परिसंपत्तियों का कैसा बटवारा है! एक बटवारा बड़ी धूमधाम से चुनाव से पहले किया गया था, खूब ढोल पीटा गया था। तब भी हमने कहा था कि उत्तराखंड के हितों के साथ खिलवाड़ हुआ है और हमने ब्यौरेवार कहां-कहां उत्तराखंड के हितों के साथ समझौता/समर्पण किया गया है उत्तर प्रदेश को, वह सब बिंदु बताए थे और आज भी वही सब बातें दोहराई जा रही हैं। जिन जलाशयों पर हम स्वामित्व मांग रहे हैं उनमें हमको जल क्रीड़ा की अनुमति देना, यह किसकी आंखों में धूल झोंकी जा रही है! हम टिहरी डैम पर अपना हिस्सा चाह रहे हैं, उसके विषय में यह कह दिया गया है कि न्यायालय से भी मामले वापस लिए जाएंगे। जो जमीनें दरिया गुर्ज हो गई हैं, वो हमको ट्रांसफर होंगी और जो जमीनें उपयोगी हैं, उन जमीनों के विषय में समझौते में कोई उल्लेख नहीं होगा। हां, उत्तर प्रदेश को भागीरथी जरूर मिल जाएगी। भागीरथी जैसा अतिथि आवास बनाने की अनुमति जरूर मिल जाएगी। मगर उत्तराखंड को इस समझौते से कुछ भी हासिल होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा की मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि वो इसके ब्यौरे को विधानमंडल के पटल पर रखें, वहां राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएं और उस बैठक में इस पर ब्यौरे वार चर्चा करें अन्यथा हम यही कहेंगे कि योगी जी के प्रभाव में आकर उत्तराखंड के हितों के साथ समझौता कर लिया गया है, तुमको आत्मा समर्पित कर दिया गया है।