इस बार 30 साल बाद बन रहे तीन शुभ योग, आपके लिए होगा मंगलकारी
रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग के शुभ संयोग में 3 मई को मनेगी अक्षय तृतीया, खरीदारी के लिए भी शुभ
देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन भगवान परशुराम का जन्म होने की मान्यता है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई 2022, मंगलवार को है। अक्षय तृतीया के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया पर तीन खास योग बन रहे हैं।
अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। इस दिन मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र होने से मंगल रोहिणी योग का निर्माण हो रहा है। शोभन योग के कारण इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। इसके साथ पांच दशक के बाद ग्रहों का विशेष योग बन रहा है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन कुछ चीजों का दान करना बेहद उत्तम माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन और साथ ही पूरे वैशाख मास में जलदान करना शुभ माना गया है। कहते हैं कि ऐसा करने से सभी तीर्थों को करने से जो फल प्राप्त होता है, वह केवल जलदान करने से मिलता है। इस दिन किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर जलदान भी किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया के दिन वृक्षारोपण करना, राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था करना, पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था आदि करने से शुभ फल मिलने की मान्यता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अक्षय तृतीया 2022 पर खरीदारी का मुहूर्त- अक्षय तृतीया के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इस दिन सोने-चांदी के आभूषणों को खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होने की मान्यता है।
अक्षय तृतीया का पर्व तीन मई को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन से त्रेता युग का आरंभ हुआ था, भगवान परशुराम का अवतार भी इसी दिन हुआ। अक्षय तृतीया के दिन ही श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान का बड़ा विशेष महत्व होता है। विशेष रूप से इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण दिन है।
अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है। इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए पंचांग देखने या मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती। अक्षय तृतीया के दिन किया गया कार्य अक्षय रहता है, उसका कभी ह्रास नहीं होता।
इस बार 3 मई अक्षय-तृतीया के दिन धन-समृद्धि के नियंत्रक ग्रह शुक्र और कार्य सिद्धि के ग्रह चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में रहेंगे जो एक बहुत शुभ दुर्लभ योग है। इसलिए इस बार अक्षय-तृतीया स्वर्ण, आभूषण, वाहन, या कोई भी नई वस्तु खरीदना आपके जीवन में धन समृद्धि की वृद्धि करेगा। चन्द्रमां शुक्र की उच्चता के प्रभाव से इस बार अक्षय तृतीया पर किए गए सभी शुभ मंगलकार्य आपको कई गुना शुभ फल प्रदान करेंगे।
अक्षय तृतीया पर करें ये ख़ास उपाय –
1. ग्यारह बार श्रीसूक्त का पाठ करें।
2. ॐ श्रीम श्रीये नमः इस मंत्र का 5 से 11 माला जाप करें।
3. 108 मखानों की माला बनाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें।
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया तिथि आरंभ- 3 मई सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर
समापन- 4 मई सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक।
रोहिणी नक्षत्र- 3 मई सुबह 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 4 मई सुबह 3 बजकर 18 मिनट तक होगा।
पूजन का श्रेष्ठ समय – सुबह 6:18 से 8:14 के बीच स्थिर लग्न (वृष) का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा जो अक्षय पूजन के लिए श्रेष्ठ होगा, इसके अलावा सुबह 9 बजे से शुभ चौघड़िया मुहूर्त आरम्भ हो जाएंगे जो दोपहर तक रहेंगे। इसलिए 9 बजे के बाद भी किसी भी समय अक्षय तृतीया का पूजन किया जा सकेगा