देहरादून सहित आधा भारत सम्पूर्ण निद्रा से वंचित
सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने अस्वस्थ निद्रा चक्र को भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया
देहरादून। देहरादून सहित पूरे भारत में लोग बहुत व्यस्त हो गये हैं जिस कारण से वह सेहतमंद नींद भी नहीं ले पाते हैं। संयोग से विगत कुछ वर्षों में अध्ययनों ने रात्रि की गुणवत्तापूर्ण निद्रा की आवश्यकता पर व्यापक विमर्श किया है। यह सिद्ध हो चुका है कि गुणवत्तापूर्ण निद्रा उत्तम शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती है। हालाँकि रात्रि में सम्पूर्ण निद्रा आज एक समस्या हो गई है।
हाल ही में, रेसमेड ने 5,000 लोगों पर एक निद्रा आधारित अध्ययन किया। अध्ययन में सुखद तथा दुखद दोनों बिंदु सामने आए। सुखद यह रहा कि सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश भारतीयों का मानना था कि रात की अच्छी नींद सभी के लिए जरूरी है। सर्वेक्षण में शामिल 81 प्रतिशत लोगों का मानना था कि नींद के चक्र ने उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने अस्वस्थ निद्रा चक्र को भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया। हालाँकि दुःखद यह रहा कि समस्या को स्वीकार करने के बावजूद केवल 53 प्रतिशत ने उन उपकरणों का उपयोग करके अपनी नींद की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया है जो उनकी सहायता कर सकते हैं।