उत्तराखंड समाचार

राज्यपाल ने अभिभाषण में सदन के समक्ष रखी सरकार की आठ शीर्ष प्राथमिकता

राज्य की पांचवी निर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया हैं।

देहरादून। राज्य की पांचवी निर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने अभिभाषण में सरकार की आठ शीर्ष प्राथमिकताओं को सदन के समक्ष रखा। अपराह्न तीन बजे राज्यपाल के अभिभाषण के पाठ के साथ ही सत्र की कार्यवाही विधिवत रूप से शुरू हुई। सुबह राष्ट्रीय गान के साथ सदन की कार्यवाही की शुरूआत हुई। राज्यपाल ने 55 मिनट के धाराप्रवाह अभिभाषण में विस्तार से सरकार की उपलब्धियों को सदन में रखा। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार, बुनियादी ढांचे के विकास समेत 43 विभिन्न बिंदुओं पर उन्होंने बारी बारी से सरकार के कामकाज की जानकारी दी।  साथ ही उन्होंने सरकार की भावी प्राथमिकताओं पर भी विस्तार से रोशनी डाली।

इस दौरान विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, नेता सदन पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, काबीना मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, चंदनराम दास, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, कांग्रेस से निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, आदेश चौहान, हरीश धामी समेत अधिकांश विधायक मौजूद रहे।

सरकार की प्राथमिकताएं

  1. हिम प्रहरी योजना:

सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा के लिहाज से पूर्व सैनिकों को और युवाओं को बसने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पलायन की वजह से खाली हो रहे सीमांत क्षेत्रों में दोबारा बसावट विकसित की जाएंगी।

  1. सीएम किसान प्रोत्साहन निधि:

पीएम किसान योजना के तहत इस वक्त किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। राज्य के नौ लाख से ज्यादा किसानों को इसका लाभ् मिल रहा है। इस योजना की तर्ज पर राज्य सरकार भी योजना शुरू करेगी।

  1. आर्गनिक्स ब्रांड:

राज्य तेजी से आर्गनिक स्टेट के रूप में विकसित हो रहा है। राज्य के उत्पादों को अखिल भारतीय बाजार तैयार करने के लिए सरकार उत्तराखंड आर्गनिक्स ब्रांड विकसित करेगी।

  1. मानसखंड मंदिर माला मिशन:

चारधाम सर्किट में आने वाले  सभी मंदिर और गुरुद्वारों में बुनियादी सुविधाओं और परिवहन सेवाओं को विस्तार किया जाएगा। गढ़वाल के चार धाम परियोजना की तर्ज पर कुमाऊँ के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाया जाएगा।

  1. मिशन मायापुरी:

हरिद्वार को योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी और विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के लिए सबसे बड़े स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हरिद्वार में  उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

  1. महिला सहायता कोष:

राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को व्यावसायिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। नए व्यावसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता को विशेष कोष बनाया जाएगा।

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