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शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू होकर दस दिनों तक चलेगा

नवरात्रि में तिथियों का बढ़ना शुभ संकेत

देहरादून, 30 सितंबर। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की शारदीय नवरात्रि 2024 आगामी 3 अक्टूबर से आरंभ होंगी। पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र के दिन घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इस बार शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू होकर दस दिनों तक चलेगा।तृतीया तिथि दो दिन रहेगी, जिससे नवरात्र की अवधि बढ़ेगी। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की तिथि वृद्धि शुभ होती है और समृद्धि लाती है। ऐसे में कन्या राशि वालों के शुभ युग भी बन रहा है। जानते हैं नौ की जगह 10 दिन चलने वाले नवरात्रे में इस बार क्या खास परिवर्तन देखने को मिलेगा।

इस बार शारदीय नवरात्रि की धूम दस दिनों तक रहेगी। नवरात्रि में तिथि बढ़ना शुभ माना जाता है। ‘नवरात्रों की तिथि घटने की बजाय बढ़ना फलदायी होता है।’ ‘तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक माना गया है। शास्त्रों में भी मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।’ ‘इस बार शारदीय नवरात्र में 5 एवं 6 अक्टूबर दो दिन तृतीया तिथि रहेगी। छह अक्टूबर को बढ़ी हुई तृतीया तिथि 6 अक्टूबर को रात में भ्रदा भी रहेगी। 7 अक्टूबर को चौथा नवरात्र होगा।’

शारदीय नवरात्र पर घट स्थापना के समय इस बार पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। नवरात्र में शक्ति पीठों एवं धार्मिक स्थलों पर नवरात्रों में रहने वाली धूम इस बार दस दिनों तक चलेगी। शारदीय नवरात्र में बंगाल की तर्ज पर जगह-जगह दुर्गा पूजा महोत्सव की धूम रहती है। माता की पूजा के विशेष पांडाल लगाए जाते है। नवरात्र में सुबह शाम विशेष आयोजन होते है।

नवरात्र घट स्थापना में कन्या राशि का चतुग्रही योग बनेगा

डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की हर बार नवरात्र स्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग रहता है, जो कि घट स्थापना में टाला जाता है। लेकिन इस बार कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा। जिसमें बुध, सूर्य, केतु और चंद्रमा विराजमान रहेंगे। कन्या राशि में सूर्य बुध से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। शुक्र और राहु ग्रह के बीच षडाष्टक योग भी बनेगा।

घट स्थापना का समय

सर्वश्रेष्ठ समय: प्रात: काल 6: 24 बजे से 8: 45 मिनट तक।

अभिजीत मुहूर्त दिन में 11: 52 बजे से 12: 39 मिनट तक।

चौघडिया मुहूर्त शुभ का चौघडिय़ा प्रात: 6: 24 बजे से 7: 52 मिनट तक।

चर,लाभ व अमृत के चौघडि़ए : दिन में 10: 48 बजे से दोपहर 3:12 मिनट तक।

हिंदू धर्म में चार नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है। बाकी की दो चैत्र और आश्विन माह में मनाई जाती है। आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसकी शुरूआत हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहले दिन) से होती है, जो नवमी तिथि पर समाप्त होती है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष 3 अक्तूबर 2024, गुरुवार से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो 11 अक्तूबर 2024 को समाप्त होगी। वहीं 12 अक्तूबर को दुर्गा विसर्जन होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और उन्हें कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। नवरात्रि में दिन के अनुसार देवी की अर्चना की जाती है, जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की होती है। इस दौरान भक्तजन विधि विधान से आराधना करते हैं, और उपवास रखते हैं। वहीं इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन की तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है। ऐसे में आइए नवरात्रि के पहले दिन से लेकर अष्टमी नवमी की सही डेट को जानते हैं।

पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्तूबर 2024 को सुबह 12 बजकर 19 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 4 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर 2024 को होगा, और इस दिन से ही नवरात्रि की शुरूआत होगी।

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्तूबर 2024

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्तूबर 2024

चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्तूबर 2024

पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्तूबर 2024

छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्तूबर 2024

सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्तूबर 2024

आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्तूबर 2024

नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्तूबर 2024

विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन

अष्टमी-नवमी तिथि

इस साल अश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्तूबर 2024 को दोपहर 12.31 से शुरू होगी और 11 अक्तूबर 2024 को दोपहर 12.06 पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।

 

 

 

 

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