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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध करने वालों को बेनकाब करें : मकवाना

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध करने वालों को बेनकाब करें : मकवाना

देहरादून, 6 अगस्त। राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना ने आज उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून मे मीडिया कर्मियों से वार्ता करते हुये कहा की बसपा प्रमुख मायावती और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को वाल्मीकि समाज और अति दलित जातियों को आरक्षण में भागीदारी पसंद नहीं, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के ऐतिहासिक निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की पीठ के ऐतिहासिक व सामाजिक न्याय की दिशा में दिए गए निर्णय का बसपा प्रमुख सुश्री मायावती भीम आर्मी प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर विरोध कर रहे हैं। मकवाना ने सीधा आरोप लगाया कि जब सुप्रीम कोर्ट सामाजिक न्याय  उन जातियों को प्रदान करना चाहता है जिनको आजादी के बाद से आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया वाल्मीकि समाज, खटीक समाज, धोबी समाज, हेला, डोमार, डोम, धानुक, कोरी तथा अनेकों अति दलित जातियां अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण से वंचित रही हैं, अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अनुसूचित समाज की उपेक्षित व वंचित जातियों में शिक्षा रोजगार राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी की उम्मीद जागी थी। उसका मायावती और चंद्रशेखर द्वारा खुला विरोध करके स्पष्ट कर दिया गया है कि वह अपनी जातियों के हितों के लिए ही समर्पित हैं। उनको अति दलित जातियों के हितों की चिंता नहीं है मायावती वाल्मीकि समाज का शुरू से ही विरोध करती रही है मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश में सफाई कर्मचारियों के पदों पर भी सभी जातियों के लोगों को नियुक्त करके वाल्मीकि समाज की रोजी-रोटी छीननें का काम वह कर चुकी है। वह वाल्मीकि समाज को राजनीतिक भागीदारी भी देने में विफल रही अब एक बार फिर मायावती और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का चेहरा उजागर हो चुका है। राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा उनकी निंदा करता है मायावती और चंद्रशेखर यदि संपूर्ण अनुसूचित समाज के नेता कहलाना पसंद करते हैं तो उनको अति दलित समाज को आरक्षण में भागीदारी के इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए था। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत प्रसाद मकवाना ने वाल्मीकि समाज एवं अति दलित जाति के लोगों से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध करने वालों को बेनकाब करें तथा इनके द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन से अपने आप को दूर रखें।  राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत प्रसाद मकवाना ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अनुसूचित जाति आरक्षण से वंचित रहे अति दलित समाज वाल्मीकि समाज को वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर पृथक आरक्षण लागू करें तथा राज्य सरकारों को भी अति दलित वंचित समाज को वर्गीकरण करके अनुसूचित जाति आरक्षण में भागीदारी का फैसला शीघ्र करना चाहिए जो लोग अभी तक आरक्षण की मलाई खाते रहे हैं उनको अब डर सता रहा है की अन्य समाजों को भी अनुसूचित जाति आरक्षण का शिक्षा रोजगार और राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी मिलेगी जो उनको बर्दाश्त नहीं है ऐसे नेताओं के बहकावे में अति दलित जातियों को बिल्कुल नहीं आना चाहिए। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भागवत प्रसाद मकवाना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वाल्मीकि समाज और अती दलित जातियों के हित में बताया तथा फैसले का स्वागत किया।

 

 

 

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