उत्तराखंड समाचार

समतामूलक समाज के परिचायक थे बाबा साहब अम्बेडकर : प्रीतम सिंह

बाबा साहब ने अपने जीवन पर्यन्त समाज के कमजोर एवं उपेक्षित वर्ग के जीवन स्तर को उठाने का सराहनीय कार्य किया।

देहरादून 14 अप्रैल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर घंटाघर स्थित अम्बेडकर पार्क पहुंचकर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरान्त प्रीतम सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर समतामूलक समाज के परिचायक थे, उन्होंने संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत निर्माण की मजबूत नींव रखी थी। बाबा साहब ने अपने जीवन पर्यन्त समाज के कमजोर एवं उपेक्षित वर्ग के जीवन स्तर को उठाने का सराहनीय कार्य किया। उन्होंने सदैव समाज में फैली कुरीतियों के विरूद्ध अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर एवं संविधान सभा ने हमारे देश को एक ऐसा गणराज्य घोषित किया जहां देश के लोग सर्वोच्च शक्ति रखते हैं। संविधान की प्रस्तावना का ‘हम’ शब्द इंगित करता है कि इस देश के लोग सरकार को शक्ति देते हैं और यह अपना अधिकार लोगों की इच्छा से प्राप्त करता है। हमारा संविधान समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय की आकांक्षाओं को आवाज देता है। संविधान का उद्देश्य जाति, वर्ग, नस्ल, लिंग और धर्म के आधार पर भारत में मौजूद विशाल असमानताओं को दूर करना और सभी क्षेत्रों में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना था। बाबा साहब द्वारा बनाये गये संविधान में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, जीवन का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार संविधान में प्रदत्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने अपने अंतिम भाषण में चेतावनी दी थी कि यदि संविधान का अक्षरशः पालन नहीं किया गया तो भारत एकबार फिर से अपनी स्वतंत्रता खो देगा। उन्होंने कहा था कि संविधान स्वयं दस्तावेज पर नही बल्कि इसे क्रियान्वित करने वाले लोगो के प्रभाव पर निर्भर है। उन्होंने कहा था राजनीति में नायक-पूजा गिरावट और तानाशाही का एक गारंटीकृत मार्ग होगा और केवल राजनीतिक लोकतंत्र पर्याप्त नहीं होगा, हमें सामाजिक लोकतंत्र को प्राप्त करने की आकांक्षा भी रखनी होगी। टिहरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री जोत सिंह गुनसोला ने भी बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि आज कुछ ताकतों द्वारा भारत के संविधान में उल्लिखित अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इन अधिकारों की रक्षा करनी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर पूर्व चैयरमैन मनमोहन मल्ल, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व पार्षद अशोक कोहली, पार्षद अर्जुन सोनकर, सुनील बांगा, बिट्टू चौधरी, मनोज कुमार, शाहिद खान, भूरा भाई, राजेंद्र ममगाई, शीशपाल गुसाईं, आलोक खुराना, नरेंद्र सेठी, गगन, गोपाल दादर, प्रभात धंद्रियाल आदि मौजूद थे।

 

 

 

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