उत्तराखंड समाचार

महिलाओं को बराबरी का अधिकार देना पुरुषों का दायित्व

महिला-बच्चियों के लिए एक वर्कशाप का आयोजन किया गया।

हरिद्वार: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘उपवा के तत्वावधान’ में सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र 40वीं वाहिनी पीएसी, जीआरपी, आतंकवाद निरोधक दस्ता व पुलिस माडर्न स्कूल हरिद्वार की ओर से आयोजित महिला सशक्तीकरण व जागरूकता सप्ताह में महिला अधिकारों पर चर्चा की गई। कहा गया कि महिलाओं को बराबरी का अधिकार देना पुरुषों का दायित्व है।

पीएसी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागी संस्थाओं की समस्त महिला अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस परिवारों की महिला-बच्चियों के लिए एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में भारतीय जागरूकता समिति के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट ललित मिगलानी, समिति की वीमेंस विग की अध्यक्ष शिवानी गौड़ तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार शाखा के अधिवक्ता रमन कुमार सैनी ने प्रतिभागियों को महिला अधिकारों तथा उपयोगी कानूनी जानकारियों से अवगत कराया। एटीएस की उपप्रधानाचार्य अरुणा भारती ने हमारे समाज को पुरूष प्रधान समाज माना जाता है। इसलिए सबसे बड़ा दायित्व भी पुरुषों का ही है कि वो अपने घर और समाज की महिलाओं को बराबरी का अधिकार देते हुए उन्हें सम्मान दें।

पीएसी कमांडेंट ददनपाल की पत्नी आभा ददनपाल ने सभी को महिला दिवस का महत्व बताते हुए आह्वान किया कि सभी लोग अपने-अपने स्तर पर प्रयास करें, जिससे सभी महिलाओं को प्रत्येक स्तर पर समानता का अधिकार मिल सके। पीएसी सेनानायक ददनपाल ने व्याख्यान में कहा कि महिलाओं के साथ हो रहा भेदभाव पुरातन काल से चला आ रहा है, जिसे हटाने के लिए सभी को आगे आना होगा और एक मन-एक ध्येय के साथ प्रयास करना होगा। उप सेनानायक सुरजीत सिंह पंवार ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर नेहा मलिक, दीपाली शर्मा, मनु शिवपुरी, रेणु अरोड़ा, वर्षा श्रीवास्तव, अर्चना शर्मा, रूपम जौहरी, सिद्धार्थ प्रधान, विनीत चैहान, विनायक गौड़, अधिवक्ता रमन कुमार सैनी, भूपेंद्र प्रशाद, सहायक सेनानायक कमलेश पंत, एटीएस के सहायक सेना नायक मोहनलाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षण हीरा लाल बिजल्वाण आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

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