मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए निकले बेरोजगार, पुलिस ने बीच में रोका
विभिन्न मांगों को लेकर बेरोजगार संघ का सीएम आवास कूच
देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस कांस्टेबल 387 पदो पर वेटिंग लिस्ट जारी करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ से जुडे बेरोजगारों ने स्थानीय परेड ग्रांउड से मुख्यमंत्री आवास कूच किया। बेरोजगारो का जुलूस जैसे ही सुभाष रोड स्थित पैसिफिक होटल के निकट तिराहे पर पहुंचा वैसे ही पुलिस ने सचिवालय के निकट, ग्लोब चैक के पास बैरेकेटिंग लगाकर जुलूस को रोक दिया। बेरोजगारो ने पुलिस कार्यवाही का जमकर विरोध करते हुए बैरेकेटिंग पर ही धरना देना शुरू कर दिया। इस दौरान बेरोजगारांे का नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियो ने राज्य सरकार को आडे हाथो लिया और चेतावनी दे डाली कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नही किया जाएगा तब तक वह लोग अपना आंदोलन समाप्त नही करेंगे। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के पदाधिकारियो ने कहा कि उत्तराखण्ड की धामी सरकार जान बुझकर उनकी जायज मांगो को पूरा नही कर रही है प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढती जा रही है और सरकार केवल आंकडो का खेल खेलकर बेरोजगारी को कम दिखा रही है जबकि सास्वत सच्चाई यह है कि आज भी पुलिस विभाग सहित विभिन्न विभागों में रिक्त पद पडे हुए हैं जिनपर नियुक्ति नही की जा रही। जानबूझकर लिस्टो को जारी नही किया जा रहा। उन्होने कहा कि सभी विभागों में जो वेटिंग लिस्ट है उनको जारी किया जाए। वक्ताओं ने मांग की कि सभी बहुल संवर्ग भर्तियो में प्रतिक्षा सूची तत्काल जारी की जाए। एलटी, प्रवक्ता-प्राथमिक शिक्षक एवं शारीरिक शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति जारी की जाए। ऊर्जा निगमो, यूपीसीएल, पिटकुल, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लि. में जेई और टीजी 2 की भर्ती तत्काल जारी की जाए। बेरोजगारो ने मांग की कि उम्र सीमा बढाकर उत्तराखण्ड पुलिस कांस्टेबल 1550 की विज्ञप्ति जारी की जाए एवं 10 दिन के भीतर अनेको विभागो में चयनितो को नियुक्ति प्रदान की जाए तथा यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी के पेडिंग रिजल्ट और विज्ञप्तियां तत्काल जारी की जाए तथा विभिन्न विभागो में खाली पडे 65 हजार पदो को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए एवं कोविड 19 में काम किए बेरोजगारो को तत्काल ज्वाइनिंग प्रदान की जाए। प्रवक्ता भर्ती में स्क्रीनिंग हटाकर विषय आधारित परीक्षा करायी जाए एवं असिस्टेंड प्रोफेसर भर्ती में तत्काल एपीआई हटाकर लिखित और साक्षरता के आधार पर परीक्षा करायी जाए। बेरोजगार अपनी मांगों पर तब तक डटे हुए हैं जब तक उनकी मांगे पूरी नही होती।