उत्तराखंड समाचार

सर्वोच्च न्यायालय ने जारी किया अवमानना नोटिस

केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति और कुलसचिव को जारी किया अवमानना नोटिस

देहरादून: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति और कुलसचिव को सर्वोच्च न्यायालय ने संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को नियमित करने के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना नोटिस जारी किया है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से 25 मार्च को खंडपीठ के सम्मुख उपस्थित रहकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के आठ संविदा शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी। इसमें शिक्षकों का कहना था कि विश्वविद्यालय में सेवा देते हुए 15 से 20 वर्ष हो गए हैैं, ऐसे में उन्हें नियमित किया जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने तीन सितंबर 2021 को शिक्षकों के पक्ष में निर्णय दिया। न्यायालय ने आदेश दिया कि इन शिक्षकों को विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से नियमित करते हुए निर्धारित सभी लाभ दिए जाएं। हालांकि, इस आदेश के चार माह बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षकों को नियमित नहीं किया गया। ऐसे में शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की। 11 फरवरी 2022 को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल और कुलसचिव अजय कुमार खंडूड़ी को न्यायालय की अवमानना का दोषी माना। दोनों को नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button