तीन दिवसीय मेले का रंगारंग समापन
वाहिनी फैमिली लाईन में निवासरत कार्मिकों के परिजन जो लघु उद्यमी हैं
हरिद्वार। 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार के प्रांगण में प्रचलित 03 दिवसीय स्थापना दिवस मेले के दूसरे दिन वाहिनी परिसर में निवासरत कार्मिकों एवं उनके परिजनों सहित स्थानीय लोगों द्वारा मेले में लगे स्टॉलों से खूब खरीदारी की गयी। सुरजीत सिंह पँवार द्वारा सांयकालीन सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि रोशन लाल शर्मा सेवानिवृत्त सेनानायक को पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत सत्कार किया गया। इस अवसर पर मोहन लाल सेवानिवृत्त सहायक सेनानायक, आलम सिंह रावत सेवानिवृत्त दलनायक एवं श्रीमती पूजा पँवार धर्मपत्नी सुरजीत सिंह पँवार आदि उपस्थित रहे। 03 दिवसीय इस मेले में वाहिनी के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा दलवार स्टॉल लगाये गये हैं जिनमें पहाडी आर्गेनिक मोटा अनाज, हर्षिल की राजमा, अल्मोडा की बाल मिठाई, कुमाऊँ के भट्ट, विभिन्न प्रकार की पहाडी दालें पानीपत की हल्की रजाईयाँ आदि मशहूर खाद्य सामग्री एवं अन्य सामान उचित दरों पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। वाहिनी फैमिली लाईन में निवासरत कार्मिकों के परिजन जो लघु उद्यमी हैं को प्रोत्साहन प्रदान करने एवं उनके द्वारा तैयार की गयी सामग्रियों को स्थानीय लोगों को उचित दरों पर उपलब्ध कराने हेतु वाहिनी मेले में स्टॉल लगाये गये हैं जिनमें श्रीमती सुनीता पत्नी मुख्य आरक्षी सुखवेन्द्र सिंह द्वारा विभिन्न प्रकार के अचार, चटनी, पहाडी हरा नमक, मंण्डुए के आटे की मट्ठी, चावल के अड़से आदि का स्टॉल, श्रीमती नीलम पत्नी श्री अजहरूदीन द्वारा कुल्हड पिज्जा, पोटेटो चिप्स, फ्रेंच-फ्राइज का स्टॉल, श्री शुभम जखमोला पुत्र श्री नरेश जखमोला द्वारा आर्गेनिक पहाडी मोटा अनाज का स्टॉल लगाया गया है एवं उचित दरों पर उपरोक्तानुसार खाद्य सामग्रियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही उपवा के तत्वाधान में वाहिनी फैमिली लाईन से कु0 संगीता पुत्री श्री अकाली सिंह नेगी, कु. ध्रुविका एवं कु. सृष्टि द्वारा स्टॉल लगाकर स्वनिर्मित पैंटिंग, लिपन आर्ट, रेजन आर्ट, कैनवास पेंटिंग, स्कैच, बुकमार्कस आदि तैयार कर उचित दरों पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मेले के दूसरे दिन सांयकालीन सांस्कृतिक संध्या में वाहिनी में प्रचलित आरटीसी प्रशिक्षण के रिक्रूट आरक्षियों, सर्वसिद्धी कलाकेन्द्र हरिद्वार के कलाकारों एवं पुलिस मॉडर्न स्कूल के बाल कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत की गयी जिसकी दर्शक दीर्घा में बैठे हुए दर्शकों एवं अतिथियों द्वारा खूब सराहना की गयी।