न्यास के कार्यो की सराहना
न्यास में 11 लाख की धनराशि जमा है, जो अब ब्याज वृद्धि होकर 14 लाख हो गयी। न्यास प्रति वर्ष गरीब वृद्धजनों का सहायता करते हुए आ रहा है
बागेश्वर। आश्रम पद्धति विद्यालय एवं अशक्त वृद्धा आश्रम नीलेश्वर में सुश्री रम्भा खेतवाल दातव्य न्यास द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला जज आरके खुल्बे, जिलाधिकारी अनुराधा पाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयेंद्र सिंह, मुख्य न्यायिक मजि. गुंजन सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐष्वर्या सुरतवाला, सीनियर सिविल जज नीरज कुमार व सिविल जज जू.डि. पुनित कुमार द्वारा बच्चों व वृद्धजनो को कंबल एवं गर्म वस्त्र वितरित किए। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जिला जज/संरक्षक न्यास आरके खुल्बे ने सुश्री रम्भा खेतवाल नमन करते हुए कहा कि आज उन्ही की वजह से हम सभी आज आश्रम पद्धति में उपस्थित है। उन्होंने न्यास के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी के द्वारा मिलकर वृद्धजनों व बच्चों के लिए और अच्छा करने का प्रयास किया जाएगा। हम सभी को भगवान से सब कुछ दिया है, समाज के लिए कुछ करना हमारा दायित्व है। जिलाधिकारी/अध्यक्ष न्यास अनुराधा पाल ने सुश्री रम्भा खेतवाल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा आश्रम पद्धति के बच्चों व वृद्धजनों के लिए सभी सुविधायें प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आश्रम पद्धति विद्यालय को उच्चीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने न्यास के कार्यो की सराहना की। संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद सिंह भण्डारी ने बताया कि रम्भा खेतवाल का 2005 में निधन हो गया है, वे अविवाहित थी। उनकी याद में न्यास की स्थापना की गयी। न्यास में 11 लाख की धनराशि जमा है, जो अब ब्याज वृद्धि होकर 14 लाख हो गयी। न्यास प्रति वर्ष गरीब वृद्धजनों का सहायता करते हुए आ रहा है। बताया कि न्यास के संरक्षक जिला जज व अध्यक्ष जिलाधिकारी होते है। न्यास द्वारा विभिन्न क्षेत्रो में उत्कृश्ट कार्य करने वाले संतोष कांडपाल, डॉ एसबी सिंह व रईस खांन को सम्मानित किया गया। अतिथियो द्वारा कार्यक्रम मे मौजूद 96 वर्षीय बुजुर्ग शेर सिंह धपोला को अंगवस्त व पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। आश्रम पद्धति विद्यालय व सैनिक स्कूल के बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम समाज कल्याण अधिकारी हेम तिवारी, दलीप खेतवाल, इंद्र सिंह परिहार, न्यास के सचिव चंदन सिंह डियाराकोटी, बार अध्यक्ष विनोद भट्ट, डीआर आर्या सहित अनेक गणमान्य व आश्रम पद्धति का स्टॉफ मौजूद रहा।