उत्तराखंड समाचार

पुलिसकर्मियों को आयुर्वेद व मर्म चिकित्सा पद्वति द्वारा अपने को स्वस्थ रहने के सिखाये गुर

। मर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण अंग है जो की शरीर की बाधित ऊर्जा केन्द्रों की सफाई कर शरीर के स्वास्थ्य को बनाये रखता है

चमोली। आज पुलिस कार्यालय गोपेश्वर में पुलिस कर्मचारियों को स्वस्थ रखने के लिए एवं गुणवत्ता बनाये रखने हेतु एक विशेष कार्यशाला का आयोजन ज्ञानगंज फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

मर्म चिकित्सा भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। मर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण अंग है जो की शरीर की बाधित ऊर्जा केन्द्रों की सफाई कर शरीर के स्वास्थ्य को बनाये रखता है। मर्म चिकित्सा कई स्तरों पर कार्य करती है जैसे- शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक एवं आध्यात्मिक साथ ही यह शरीर में असाधारण बदलाव लाती है। जितेन्द्र यादव मर्म चिकित्सा प्रशिक्षक ने सभी पुलिस कार्मिकों को मर्म चिकित्सा के बारे में डेमो के साथ विस्तृत जानकारी दी गयी। बताया कि शरीर के हर हिस्से व अंग के लिए शरीर में अलग-अलग हिस्सों में मर्म स्थान नियम है। सही ज्ञान एवं इसका प्रयोग कर हम गर्दन, पीठ, सिर, कमर पैर दर्द आदि को मर्म चिकित्सा से चुटकियों में खत्म किया जा सकता है। प्राचीन मर्म चिकित्सा के अन्तर्गत ऐसे कौन से मर्म बिन्दु हैं जिनके द्वारा श्वसन तंत्र, हदय परिसंचरण तंत्र एवं तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जिससे वर्तमान परिस्थितियों में हम स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रख सकते हैं के बारे में बताया गया।

इस कार्यशाला में घुटने-कमर की समस्या,सर्वाइकल,फ्रोजन्  शोल्डर, स्लिपडिस्क, साइटिका, गैस्ट्रिक प्रोब्लम्स, गलत खान-पान, मानसिक रोग जैसे स्ट्रेस,डिप्रेशन, एंग्जायटी, नींद न आना पार्किंसन और गलत जीवन शैली से संबंधित रोगों के संबंध में बताया गया। चिकित्सकों की टीम- डॉ रविन्द्र कौशिक (आयुर्वेदिक चिकित्सक),डॉ जितेन्द्र यादव (मर्म चिकित्सक), विवेक कृष्णा (पुरुषों का यौन कल्याण संबंधी), निलभ भट्टाचार्य (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) शामिल थे। इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक चमोली प्रमोद शाह,पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन सुश्री नताशा सिंह व अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

 

 

 

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