चालू वित्त वर्ष के दौरान संचयी कोयला उत्पादन में 10.52 प्रतिशत की विशिष्ट वृद्धि
राष्ट्र की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में विद्युत क्षेत्र को मजबूत करना है।
नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और कोयला उत्पादन बढ़ाकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन की दिशा में शानदार प्रगति कर रहा है। मंत्रालय ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं जो इन लक्ष्यों को पाने में इसकी प्रतिबद्धता दिखाती हैं। निर्बाध कोयला आपूर्ति को बनाए रखने के लिए मंत्रालय का समर्पण दृढ़ बना हुआ है। खानों, टीपीपी (डीसीबी) और पारगमन आदि में समग्र कोयला स्टॉक की स्थिति 23.08.23 तक 88.01 मिलियन टन पहुंच गई, जो 23.08.22 के 70.61 मिलियन टन के स्टॉक की तुलना में 24.7 प्रतिशत अधिक है। कोयले के भंडार की यह उच्च स्थिति कोयला मंत्रालय द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता दिखाती है। इसके अतिरिक्त 23.08.23 को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में पिटहेड कोयला स्टॉक 46.13 मीट्रिक टन है। यह 23.08.2022 के 31.70 मीट्रिक टन के स्टॉक की तुलना में 45.5 प्रतिशत अधिक है। यह ऊपरी प्रवृत्ति प्रभावी स्टॉक प्रबंधन रणनीतियों और परिचालन दक्षता दिखाती है। विद्युत क्षेत्र को कोयला भेजने के संदर्भ में 23.08.2023 तक वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी उपलब्धि 307.97 मीट्रिक टन थी, जिसमें पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर दर्ज की गई, जिससे विद्युत क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित हुई। समग्र रूप से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संचयी कोयला उत्पादन में शानदार वृद्धि देखी गई है। 23.08.2023 तक 340.31 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन हुआ है। यह पिछले वर्ष के 23.08.22 तक 307.92 मिलियन टन था। इस तरह इसमें 10.52 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर दिखती है। इसके अतिरिक्त 23.08.2023 तक समग्र रूप से कोयला भेजने में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है, जो 371.11 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। यह पिछले वर्ष के 23.8.22 तक 338.66 मीट्रिक टन के प्रेषण की तुलना में 9.58 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि दर को दर्शाता है। कोयला मंत्रालय घरेलू कोयला उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीतिक योजना और कुशल निष्पादन से कोयला क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य राष्ट्र की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में विद्युत क्षेत्र को मजबूत करना है।