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एएआई हवाई अड्डों के टर्मिनल बिल्डिंग आर्किटेक्चर पर पुस्तक का विमोचन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी में भारत की समृद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता की विरासत दिखाने का विजन है

नई दिल्ली। नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में एएआई हवाई अड्डों पर विभिन्न टर्मिनल भवनों की पारंपरिक और स्थानीय वास्तुकला पर एक कॉफी टेबल बुक जारी की। पुस्तक 19 हवाई अड्डों पर टर्मिनल भवनों के अग्रभाग पर प्रकाश डालती है। यह प्रकाशन एक उल्लेखनीय प्रयास है जो बनने वाले हवाईअड्डा टर्मिनल भवनों को पारंपरिक मूल्यों के आलोक में चित्रित करता है। भविष्य के टर्मिनल भारतीय वास्तुशिल्प उत्कृष्टता को व्यावहारिकता के साथ कुशलतापूर्वक मिलाएंगे, जो हमारी विरासत के सार को प्रभावी ढंग से व्यक्त करेंगे। हवाईअड्डा टर्मिनल भवन विमान और जमीनी परिवहन के बीच निर्बाध संक्रमण को व्यवस्थित करता है, जो हवाई यात्रा से जुड़ी विभिन्न सेवाओं के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। एक टर्मिनल एक प्रवेश द्वार बन जाता है जो किसी शहर के बारे में आगंतुकों की प्रारंभिक धारणा को आकार देता है। वे अब केवल सुविधा की साधारण संरचनाएं नहीं रह गए हैं और उन्हें शहर के प्रतिष्ठित स्थानों के रूप में देखा जाना चाहिए, जो शहर में आगंतुकों का स्वागत करते हैं और यात्रियों में विस्मय और आश्चर्य की भावना पैदा करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी में भारत की समृद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता की विरासत दिखाने का विजन है और उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और इसे वैश्विक मानचित्र पर लाने में अपने प्रयासों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रत्येक यात्री को भारतीय विरासत का सार बताने के लिए वर्तमान और बनने वाले टर्मिनल भवनों में कार्यात्मक सहजता के साथ भारतीय वास्तुशिल्प प्रतिभा को संयोजित करने की परिकल्पना की। ये टर्मिनल भवन देश की विरासत को सहेजे हुए हैं, जो इन्हें न केवल विशेष भवन बनाते हैं बल्कि देश की पहचान की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति भी बनाते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने उनके मार्गदर्शन में हवाई अड्डे के टर्मिनलों भवनों को यादगार और सिटी-स्केप के लिए एक प्रतिष्ठित जुड़ाव केन्द्र के रूप में बनाने का प्रयास किया है। टर्मिनल भवन न केवल भौतिक संस्थाओं के रूप में बल्कि एक विचार की अभिव्यक्ति के रूप में हैं जो भारत की संस्कृति, परंपरा और कला के मोज़ेक को दिखाते है। ये टर्मिनल स्थानीय समुदायों के गौरव और राष्ट्रीय प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक बनने के लिए तैयार हैं। इस अवसर पर नागर विमानन मंत्रालय के सचिव श्री राजीव बंसल, नागर विमानन मंत्रालय के ओएसडी श्री चंचल कुमार, बीसीएएस के महानिदेशक श्री जुल्फिकार हसन, डीजीसीए श्री विक्रम देव दत्त, एएआई के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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