उत्तराखंड समाचार

योगदा आश्रम पहुंचे सुपरस्टार रजनीकांत

एक बार प्रशंसकों ने उन्हें महावतार बाबा की तस्वीर भेंट की, इसके बाद से ही उनमें स्वत: ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत हो उठीं।

अल्मोड़ा। फिल्म स्टार रजनीकांत का द्वाराहाट के योगदा आश्रम और महावतार बाबा की गुफा से पुराना नाता रहा है। उन्होंने बताया कि बाबा के आशीर्वाद से ही उन्हें फिल्मों में अपार सफलता मिली। एक बार प्रशंसकों ने उन्हें महावतार बाबा की तस्वीर भेंट की, इसके बाद से ही उनमें स्वत: ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत हो उठीं। तब उन्होंने महावतार बाबा के बारे में जानकारी प्राप्त की और पहली बार वर्ष 2002 में योगदा आश्रम पहुंचे। तब से वह निरंतर आश्रम पहुंचकर बाबा की गुफा के दर्शन के साथ ही यहां ध्यान लगाने पहुंच रहे हैं। बाबा के आशीर्वाद से उन्हें फिल्मों में अपार सफलता मिली। दो दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा पर द्वाराहाट के योगदा आश्रम पहुंचे रजनीकांत का आश्रम और यहां स्थित महावतार बाबा से पुराना नाता रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002 में जानकारी हासिल कर वह अपने एक मित्र के सहयोग से योगदा आश्रम पहुंचे। तब यहां आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने उन्हें महावतार बाबा और योगदा आश्रम के संस्थापक परमहंस योगानंद के बारे में विस्तृत जानकारी दी। स्वामी उन्हें पांडवखोली के महावतार बाबा की गुफा में ले गए और उन्होंने यहां ध्यान लगाते हुए योग क्रिया की दीक्षा प्राप्त की। तब से उनका आश्रम, गुफा के दर्शन और ध्यान लगाने के लिए यहां पहुंचने का सिलसिला जारी है।
फिल्म स्टार रजनीकांत ने 17 साल पूर्व तमिल भाषा में बाबा नामक फिल्म बनाई जो लोकप्रियता हासिल नहीं कर सकी। इसके बाद वह योगदा आश्रम पहुंचे और बाबा की गुफा में ध्यान लगाया। बाबा के आशीर्वाद से उनकी फिल्म खासी लोकप्रिय हुई। इसके बाद उनकी कई फिल्मों को अपार सफलता मिली। तब से वह फिल्म रिलीज होने से पहले योगदा आश्रम जरूर पहुंचते हैं।
दो दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा के दौरान योगदा आश्रम में रजनीकांत ने आश्रम के संन्यासियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह बीते महावतार बाबा की गुफा के लिए रवाना हुए। यहां पहुंचकर उन्होंने आधे घंटे से अधिक समय तक गुफा में ध्यान लगाया। वहां से रवाना होकर रास्ते में वह अपने प्रशंसकों के साथ मुलाकात कर उनके साथ सेल्फी लेते नजर आए। इस मौके पर उनके साथ स्वामी केदारानंद, वरिष्ठ स्वामी नित्यानंद गिरि, आश्रम के संचालक स्वामी वासुदेवानंद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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