उत्तराखंड समाचार

शिव के भक्त में नहीं होता अहंकार

सृष्टि में शिव महापुराण का बड़ा महत्व

देहरादून। गोरखनाथ वीर गोगा की माड़ी खुडबुडा में चल रही शिव पुराण की कथा में व्यास, आचार्य विकास भट्ट ने कहा कि इस सृष्टि में शिव महापुराण का बड़ा महत्व है। हम सभी को कथा में कही जाने वाली बात का अनुसरण करना चाहिए। व्यास जी ने कहा कि भगवान कार्तिकेय शिव की कृति हैं और वह उनकी कृति को संसार मे फैलाते हैं। उन्होंने अपने माता पिता की आज्ञा का पालन किया। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण सिर्फ एक ग्रंथ नहीं, बल्कि साक्षात महादेव का स्वरूप है। क्योंकि, इसमें मनुष्य की सभी समस्याओं और शंकाओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि शिव से ही प्रत्येक कण की उत्पत्ति हुई है और शिव में समाप्ति होती है। तभी उन्हें उत्पत्ति और संहार के देव कहा गया है। व्यास जी ने कहा कि जो भी शिव भगवान का सच्चा भक्त होता है। उसमें अहंकार नाम मात्र को भी नहीं होता जिसमें अहंकार नहीं होता है वही भक्त शिव को प्रिय होता है। ऐसे भक्तों का शिव कल्याण करते हैं। रावण भी इसी कारण मारा गया क्योंकि उसमें अहंकार आ गया था। इस अवसर पर ऋतिक जोशी, केशव ममगाईं, मोती दीवान, नरेंद्र शर्मा, सुभाष शर्मा, राजीव रस्तोगी, संजय गर्ग, सुरेश डोरा, अशोक गुप्ता, आचार्य भरत जोशी, आचार्य अतुल शर्मा आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button