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‘गरम हवा’ फिल्म को मिले कई पुरस्कार

बलराज साहनी अपने करियर की इस शानदार फिल्म को नहीं देख पाए।

देहरादून। देश विभाजन के दौरान हालात अचानक कैसे बदल गए इस पर भारत के साथ पाकिस्तान के फ़िल्मकारों ने भी उसी दौर में कुछ फिल्में बनाई थीं ।लेकिन इस पृष्ठभूमि पर जो फिल्म सबसे पहले ज्यादा सुर्खियों में आई, वह है- ‘गरम हवा’।
बलराज साहनी अपने करियर की इस शानदार फिल्म को नहीं देख पाए। फिल्म की डबिंग के दौरान उन्होंने ‘गरम हवा’ के कुछ दृश्य जरूर देखे, लेकिन पूरी फिल्म नहीं। फिल्म कितनी बेहतर थी इसकी गवाह फिल्म को मिले कई पुरस्कार भी देते हैं। सन 1974 में ‘गरम हवा’ को राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। साथ ही, यह फिल्म विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ऑस्कर के लिए भी नामांकित हुई। कान फिल्म समारोह सहित कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में भी इस फिल्म का प्रदर्शन हुआ। फिल्म को कहानी,पटकथा और संवाद के लिए तीन फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिले। सथ्यू ने इसके बाद कुछ और भी फिल्में बनाईं लेकिन आज भी सथ्यू का नाम आते ही सबसे पहले ‘गरम हवा’ ही याद आती है।

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