उत्तराखंड समाचार

आयोजित हुआ ज़ोन स्तरीय निरंकारी बाल संत समागम

बच्चों का मन इतना पवित्र और पावन होता है, उनके अंदर कोई भी दुर्भावना नही होती।

देहरादून 2 जुलाई। बच्चों का मन इतना पवित्र और पावन होता है, उनके अंदर कोई भी दुर्भावना नही होती। जो बच्चे बाल अवस्था में सत्संग से जुड़ जाते है उनके जीवन में निखार आता है और आगे चलकर वो बच्चे प्रेरणा के स्रोत बनते है। उक्त उद्गार दिल्ली से आये राम शरण संयोजक ब्रांच पालम ने जोनल स्तरीये बाल समागम में आये संतो भक्तो के जान सैलाब को सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज का पावन सन्देश देते हुए व्यक्त किये। उन्होंने भक्ति के मर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्ति किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। अनादि काल से कई भगतो ने बहुत ही कम उम्र में इस अवस्था को प्राप्त किया। ऐसा ही सूंदर रूप आज यहां इस निरंकारी बाल संत समागम में देखने को मिला। सभी बाल संतो ने अंग्रेजी, हिंदी, गढ़वाली, पंजाबी, नेपाली, कुमाउनी भाषाओँ का सहारा लेकर और नाटकीय रूप में क्वालीए कविता रूप में एवं फिटनेस के लिए योग करके भी अनेको प्रस्तुतिया देकर संगत को निहाल किया। मसूरी जोन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने भी सभी बच्चों का उत्साह बढ़ाया और सभी को मेडल देकर प्रोत्साहित किया। स्थानीय संयोजक नरेश विरमानी ने सभी का आभार प्रगट करते हुए बताया की इस बाल संत समागम में ऋषिकेश भोगपुर डोईवाला बालावाला प्रेमनगर सेलाकुई एवं मसूरी की ब्रांचो से बच्चों ने शिरकत दी।

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