देहरादून। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार देहरादून के तत्वावधान में चेत महीने की संग्राद व नानकशाही समत 555 का पहला दिन कथा -कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई सतवंत सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “चेति गोविंदु अराधीऐ होवै अनंदु घणा” का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा व श्री जसबीर सिंह जी व श्रीमति चरणजीत कौर जी की और से रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये। हेड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह जी ने महीने की कथा करते हुए कहा कि श्री गुरु अर्जन देव जी समझाते हैँ कि जो जीव चैत के महीने में परमात्मा की भक्ति करते हैं उनके जीवन में सुख बना रहता है।। और गुरमुख ओं की संगत करके अपनी रचना के द्वारा परमेश्वर के गुणगान करने चाहिए।। जिन जीवों ने प्रभु की भक्ति की होती है उनका संसार में आया सफल होता है।। भाई चरणजीत सिंह जी हजूरी रागी जत्थे ने शब्द “सतगुर होये दयाल ता शरदा पुरीऐ” का गायन कर संगत को निहाल किया। भाई शमशेर सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की। आई हुई संगत को सरदार गुरबख्श सिंह राजन प्रधान एवं सरदार गुलज़ार सिंह, महासचिव के द्वारा नानकशाही समत 555की नव वर्ष एवं चैत सगराद की बधाई देते हुए मंगलकामना की। मंच का संचालन करते हुए सरदार दविंदर सिंह भसीन ने कहा कि कार्यक्रम के पश्चात जसबीर सिंह व चरणजीत कौर तथा गुरुद्वारा की और से आई हुई संगत ने लंगर प्रशाद ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, मंजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह जोली, अमरजीत सिंह छाबड़ा, सतनाम सिंह, दविंदर सिंह भसीन, दविंदर सिंह सहदेव, विजयपाल सिंह अरविन्दर सिंह, गुरदियाल सिंह आदि उपस्थित थे।
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