‘डिजिटल लेंडिंग’ पर अखिल भारतीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया
अतः बैंकिंग में उन्नंत तकनीक के प्रयोग में दक्षता हासिल करने के साथ-साथ डिजिटल ऋण प्रक्रियाओं की सही जानकारी होनी जरूरी है।
देहरादून, 13 फ़रवरी। बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों एवं अन्यस वित्तीभय संस्थािनों हेतु ‘डिजिटल ऋण’ विषय पर अखिल भारतीय हिंदी सेमिनार का आयोजन किया। अपने स्वागत संबोधन में सेमिनार की पृष्ठटभूमि पर प्रकाश डालते हुए बैंक के प्रमुख-राजभाषा एवं संसदीय समिति संजय सिंह ने कहा कि बैंक द्वारा लगातार 9 वर्षों से हिंदी माध्य म में इस तरह के अखिल भारतीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें किसी ज्व3लंत विषय पर बैंकों, वित्ती य संस्थासनों एवं बीमा कंपनियों के स्टा फ सदस्योंल से हिंदी में आलेख आमंत्रित किए जाते हैं एवं श्रेष्ठं आलेखों के लेखकों को प्रस्तुाति हेतु सेमिनार में आमंत्रित किया जाता है। वर्तमान समय में डिजिटलीकरण को गति देने तथा इससे सदर्भित प्रक्रियाओं के विषय में जागरूकता लाने को ध्यामन में रखते हुए “डिजिटल ऋण” विषय को हिंदी में विचार-मंथन हेतु चयनित किया गया। अपने विशेष संबोधन में मुख्य आयकर आयुक्त एवं अध्यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, अमृतसर सुश्री जहांजेब अख्तर ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा एक प्रासंगिक और समीचीन विषय पर हिंदी माध्यम से सेमिनार आयोजित करने हेतु सराहना की। इसी क्रम में भारतीय रिज़र्व बैंक के महाप्रबंधक, श्री हेमंत कुमार सोनी ने प्रतिवर्ष बैंक द्वारा किसी ज्वालंत विषय पर सेमिनार आयोजित करने को अनुकरणीय बताया, साथ ही बैंक द्वारा सेमिनार के विषयों के चयन को भी सराहनीय बताया। तदुपरांत भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (उत्तर-I), उप निदेशक,(कार्यान्वयन) श्री के.पी शर्मा ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा संघ की राजभाषा नीति के अनुरूप प्रभावी राजभाषा कार्यान्वयन की सराहना की। उपर्युक्त सेमिनार में भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग की सचिव, सुश्री अंशुली आर्या, आई.ए.एस, वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा तैयार की गई प्रकाशनों और नवोन्मेषी पहलों का शुभारंभ किया गया जिनमें ‘बैंकिंग में साइबर अपराध” ई-पुस्तक, एमएसएमई उत्पादों की द्विभाषिक पुस्तिका, बॉब अभिव्यक्ति ऐप 2.0 (बैंक की पत्रिकाओं से युक्त ऐप) शामिल हैं। अपने मार्गदर्शी संबोधन में बैंक द्वारा राजभाषा के प्रचार- प्रसार हेतु किए जा रहे अभिनव पहलों की सराहना की और बैंक द्वारा राजभाषा के प्रगामी प्रयोग के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय बताया। अपने अध्याक्षीय वक्तोव्य में बैंक ऑफ़ बड़ौदा, चंडीगढ़ अंचल के महाप्रबंधक एवं अंचल प्रमुख, श्री विमल कुमार नेगी ने कहा कि डिजिटल भारत की संकल्पना को मूर्त रूप देने में सभी बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण होने के साथ ही निर्णायक साबित होगी। अतः बैंकिंग में उन्नदत तकनीक के प्रयोग में दक्षता हासिल करने के साथ-साथ डिजिटल ऋण प्रक्रियाओं की सही जानकारी होनी जरूरी है। इस सेमिनार में बैंक ऑफ़ बड़ौदा, अमृतसर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रमुख श्री सतपाल मेहरा और उप क्षेत्रीय प्रमुख श्री अशोक कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। भारतीय रिज़र्व बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों एवं अन्य वित्तीाय संस्थासनों के उच्चाीधिकारी सहित लगभग 100 से अधिक स्टा फ सदस्योंे ने भाग लिया। सेमिनार को ज्ञानवर्द्धक और रोचक बनाने के उद्देश्य से सभी प्रतिभागियों हेतु “डिजिटल ऋण विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिता” का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन बैंक के सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा एवं संसदीय समिति) श्री पुनीत कुमार मिश्र ने किया।