ब्रिटेन की संस्था ने कहा- ओला और उबर के पास काम करने वाले श्रमिकों के लिए हालात बेहद ख़राब
भारत की नई अर्थव्यवस्था में श्रम स्थितियों को लेकर तैयार सूची में ओला और उबर सबसे नीचे रहे हैं। यह रिपोर्ट ब्रिटेन की संस्था फेयरवर्क फाउंडेशन ने तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गिग इकॉनमी में श्रमिकों कि स्थितियों को लेकर ओला और उबर दोनों की स्थिति बेहद ख़राब है। दोनों कंपनियों ओला और उबर ने सबसे कम स्कोर किया। वहीं, 10 में से सात अंक के साथ ईकॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। दूसरा स्थान होम-सर्विस मार्केटप्लेस अर्बन कंपनी को मिला और बिगबास्केट, स्विगी को 10 में से चार-चार अंक मिले।
11 स्टैंडर्ड को लेकर किया गया आंकलन
रिपोर्ट में वेतन, शर्तों, अनुबंधों, प्रबंधन और प्रतिनिधित्व को लेकर 11 प्रमुख बातों पर कंपनियों का का आकलन किया गया। इन कंपनियों में फ्लिपकार्ट, अर्बन कंपनी, बिगबास्केट, स्विगी, ज़ोमैटो, अमेज़ॅन, डंज़ो, फार्मइजी, ओला, पोर्टर और उबर शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कोविड -19 ने 2021 को भारतीय अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से गिग इकॉनमी के श्रमिकों के लिए एक चुनौती भरा साल बना दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है, “आने-जाने पर प्रतिबंधों से सवारी सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है जबकि जबकि पिछले एक साल में भोजन वितरण जैसे अन्य प्रकार के गिग काम में तेजी आई। लगभग हर जगह टेक-होम वेतन में गिरावट आई है, यह गिरावट उन सेक्टर्स में भी है जहां महामारी से मांग में असर नहीं आया है।”
सुधार की ओर काम कर रहे कुछ प्लेटफार्म
रिपोर्ट में कहा गया है, “कुछ निचले फेयरवर्क स्कोर निश्चित रूप से खराब कामकाजी परिस्थितियों की ओर इशारा कर रहे हैं, वहीं कुछ प्लेटफार्म ने अपनी कुछ नीतियों को सुधारने के प्रयास किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट और अर्बन कंपनी अपने सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन स्तर (काम से संबंधित लागत के बाद) के लिए प्रतिबद्ध हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में अच्छी परस्थितियों के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन कुछ बदलाव सही दिशा की तरफ जा रहे हैं। इस सूची में पिछले साल अर्बन कंपनी टॉप पर थी जबकि फ्लिपकार्ट की सब्सिडियरी ईकार्ट ने 10 में से सात अंक हासिल किए थे। डंजो और ग्रोफर्स ने 10 में से 4 अंक हासिल किए थे।