जिला इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर भाजपा मे कसरत तेज
नवरात्र में पार्टी की सभी 19 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाए।
देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब जिला इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर कसरत तेज कर दी गई है। इस सिलसिले में हरिद्वार और टिहरी को छोड़ शेष सभी जिला इकाइयों के अध्यक्ष पद के लिए नामों का पैनल प्रांतीय नेतृत्व को मिल चुका है। इसे लेकर पार्टी मंथन में जुट गई है और प्रयास यह है कि नवरात्र में पार्टी की सभी 19 सांगठनिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाए। इसके पश्चात मंडल इकाइयों का गठन होगा। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बीती 30 जुलाई को प्रदेश भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन करते हुए मदन कौशिक के स्थान पर पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी थी। भट्ट अपनी प्रदेश की टीम का गठन करने के साथ ही पार्टी के सभी सात मोर्चों के अध्यक्षों की घोषणा भी कर चुके हैं। इस बीच प्रांतीय नेतृत्व की ओर से राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर बेहतर चुनाव प्रबंधन की दृष्टि से नए सांगठनिक जिलों के गठन की अनुमति देने का केंद्रीय नेतृत्व से आग्रह किया गया। 27 अगस्त को केंद्रीय नेतृत्व ने पांच नए सांगठनिक जिलों कोटद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, काशीपुर व रानीखेत के गठन की अनुमति दे दी। इसके साथ ही 13 जिलों वाले उत्तराखंड में भाजपा के सांगठनिक जिलों की संख्या बढ़कर 19 हो गई। पूर्व में देहरादून महानगर पार्टी का 14 वां सांगठनिक जिला था। अब पार्टी के प्रांतीय नेतृत्व ने जिला इकाइयों के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित किया है। इस क्रम में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर सभी जिला इकाइयों के अध्यक्ष पदों के लिए नामों के पैनल उपलब्ध कराने के मद्देनजर प्रांतीय पदाधिकारियों को जिलों में भेजा गया। इस बीच हरिद्वार में पंचायत चुनाव शुरू होने के कारण वहां से पैनल के नाम नहीं मिल पाए, जबकि टिहरी जिले से ये प्राप्त होने बाकी हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार टिहरी के नामों का पैनल एक-दो दिन में मिल जाएगा, जबकि हरिद्वार से 26 सितंबर को पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद 30 सितंबर तक नाम प्रांतीय नेतृत्व को मिल जाएंगे। आदित्य कोठारी प्रदेश महामंत्री भाजपा ने कहा कि पार्टी की सांगठनिक जिला इकाइयों के पुनर्गठन के मद्देनजर जिलाध्यक्षों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है। अधिकांश जिलों से पैनल मिल चुके हैं और शेष से भी शीघ्र मिल जाएंगे। एक या दो अक्टूबर को बैठक संभावित है। इसमें विमर्श के बाद जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।