उत्तराखंड समाचार

पुलिस की बस तीन साल से बिना फिटनेस के भर रही फर्राटा

परिवहन विभाग कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा

दूसरों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस की खुद की बस तीन साल से बिना फिटनेस के फर्राटा भर रही है। यह बस हर रोज देहरादून से ऋषिकेश पीएसी के जवानों को लेकर आती है। बस की न तो पुलिस विभाग फिटनेस करवा रहा है और न ही परिवहन विभाग कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा है।

यह बस पीएसी 40वीं वाहिनी के कमांडेंट के नाम पर एआरटीओ हरिद्वार के कार्यालय में रजिस्टर्ड है। 46 सीटर इस बस का पंजीकरण 18 अगस्त 2007 को किया गया। इस बस की आयु 14 साल नौ माह हो चुकी है। 29 जून 2019 को इसकी फिटनेस खत्म हो चुकी है। फिटनेस समाप्त होने के बावजूद वीआईपी ड्यूटी और स्पेशल ड्यूटी में पीएसी के जवानों के आवागमन के लिए बस का प्रयोग किया जा रहा है। यह बस हर शाम को ऋषिकेश से जवानों को लेकर जाखन (देहरादून) जाती है। वहां से पीएसी जवानों को लेकर सुबह छह बजे ऋषिकेश आईएसबीटी पहुंचती है। दिनभर यह बस आईएसबीटी के परिसर में खड़ी रहती है, लेकिन परिवहन विभाग के किसी भी अधिकारी की नजर इस बस पर नहीं पड़ी। भले ही पुलिस सड़क दुर्घटना रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रही हो, लेकिन जिस प्रकार पीएसी की बस की तीन साल में भी फिटनेस नहीं हुई, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस विभाग अपनी बसों के फिटनेस को लेकर गंभीर नहीं है। या फिर यह खुलेआम लापरवाही है।

यदि पीएसी की बस बिना फिटनेस के संचालित हो रही है तो गलत है। बस की फिटनेस के लिए जल्द ही पुलिस अधिकारियों से वार्ता की जाएगी। यदि फिर भी बस की फिटनेस नहीं हुई तो कार्रवाई की जाएगी।

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