उत्तराखंड समाचारधर्म

राम नवमी के दिन बन रहे दुर्लभ संयोग : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

।चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की हिंदू धर्म में राम नवमी का त्योहार खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल राम नवमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। राम नवमी के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है। इन तीन योगों के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता, मां दुर्गा व बजरंगबली की पूजा की जाती हा। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। भगवान ने विष्णु ने नवमी के दिन ही भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि भगवान राम का यह अवतार धरती से राक्षसों और असुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए था। इसीलिए उन्होंने आगे चलकर पृथ्वी के महान बलसाली राक्षण रावण का वध किया। इस दिन न सिर्फ भगवान राम की पूजा होती है बल्कि उनके भाई लक्ष्मण और मां सीता के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।

राम नवमी 2022 शुभ मुहूर्त-

चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल, रविवार को देर रात 01 बजकर 22 मिनट पर हो रहा है, जो कि 11 अप्रैल, सोमवार को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त 10 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। दिन में प्रभु श्रीराम की पूजा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

राम नवमी के दिन बन रहे दुर्लभ संयोग : डॉक्टर आचार्य सुशांत राज

देहरादून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की हिंदू धर्म में राम नवमी का त्योहार खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल राम नवमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। राम नवमी के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है। इन तीन योगों के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता, मां दुर्गा व बजरंगबली की पूजा की जाती हा। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। भगवान ने विष्णु ने नवमी के दिन ही भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि भगवान राम का यह अवतार धरती से राक्षसों और असुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए था। इसीलिए उन्होंने आगे चलकर पृथ्वी के महान बलसाली राक्षण रावण का वध किया। इस दिन न सिर्फ भगवान राम की पूजा होती है बल्कि उनके भाई लक्ष्मण और मां सीता के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।

राम नवमी 2022 शुभ मुहूर्त-

चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल, रविवार को देर रात 01 बजकर 22 मिनट पर हो रहा है, जो कि 11 अप्रैल, सोमवार को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त 10 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। दिन में प्रभु श्रीराम की पूजा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

 

 

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