सरकारी आयुर्वेदिक पैरामेडिकल कालेज के बंद होने से बेरोजगार हुए कर्मचारी आंदोलन
उत्तराखंड की ओर से तीन साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से एक पैरामेडिकल कालेज खोला गया था।
देहरादून। राज्य के एकमात्र सरकारी आयुर्वेदिक पैरामेडिकल कालेज के बंद होने से बेरोजगार हुए कर्मचारी आंदोलन पर हैं। वह पिछले एक पखवाड़े से भारतीय चिकित्सा परिषद के कार्यालय में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार व शासन ने उनकी सुध नहीं ली है।
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड की ओर से तीन साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से एक पैरामेडिकल कालेज खोला गया था। जिसमें तकरीबन दो सौ छात्रों को प्रवेश दिया गया था। इस कालेज पर सरकार ने उसी समय आपत्ति जताते हुए कालेज को एनओसी न देने का निर्णय लिया था, लेकिन छात्र हित को देखते हुए परिषद ने कालेज का संचालन जारी रहा। इस बीच परीक्षाओं को लेकर कुछ छात्रों ने नैनीताल हाईकोर्ट में अपील की तो कोर्ट ने परीक्षा व कालेज के संदर्भ में निर्णय का जिम्मा परिषद को दे दिया। चिकित्सा परिषद ने उस समय कालेज का संचालन जारी रख छात्रों की परीक्षा कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इस बीच फिर सरकार की ओर से कालेज का संचालन बंद किए जाने के निर्देश मिलने के बाद परिषद ने कालेज को बंद करने का निर्णय ले लिया। जिससे वहां तैनात कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि वह छह माह से यहां-वहां भटक रहे हैं। अधिकारी उन्हें आश्वासन देते हैं, पर किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है। धरने में गौरव पैन्यूली, सोवेंद्र लाल, नरेंद्र कंडारी, रवि नौटियाल, अंशुल नौटियाल, सिमरन जीत सिंह, कांति बहुगुणा आदि शामिल रहे।