उत्तराखंड समाचार

चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन

भारतीय कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है।

देहरादून। इंडिया कार्पेट एक्सपो के 42वें संस्करण का उद्घाटन आज एनएसआईसी ग्राउंड ओखला, नई दिल्ली में किया गया। भारत सरकार के संरक्षण में इस चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है।

इंडिया कार्पेट एक्सपो का मुख्य उद्देश्य भारत में आने वाले विदेशी कालीन खरीदारों के बीच हस्तनिर्मित भारतीय कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है।

उपेंद्र प्रसाद सिंह (आईएएस), सचिव, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘इंडिया कार्पेट एक्सपो 2022 ‘  के 42वें संस्करण का अनावरण एनएसआईसी ग्राउंड ओखला में किया था। इस अवसर पर श्री शांतमनु (आईएएस),  विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार भी मौजूद थे।

इस मौके पर यूपी सिंह ने कहा, “हमें बहुत खुशी है कि सीईपीसी दुनिया भर में भारतीय बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए हर साल, दो बार इस एक्सपो का आयोजन करती है। हर साल एक्सपो में भारी मात्रा में कारोबार होता है। हमारे यहां हस्तनिर्मित और हाथ से बुनी हुई हर चीज है, जो विदेशी खरीदारों के लिए प्रमुख आकर्षण है।” सचिव ने सदस्यों द्वारा किए गए नए उत्पादों की सराहना की।

श्री शांतमनु, आईएएस, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) ने इतने बड़े पैमाने पर इंडिया कारपेट एक्सपो के आयोजन के लिए अध्यक्ष और प्रशासन समिति द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इसका लाभ अंततः कारीगरो और बुनकरों को मिलेगा।

सीईपीसी के अध्यक्ष उमर हमीद ने कहा, “इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतरराष्ट्रीय कालीन खरीदारों और भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए व्यापार से जुड़ा एक बेहतरीन मंच है। यह प्रदर्शनी भारत से हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात को और अधिक और नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमने एक विशेष थीम पवेलियन भी स्थापित की है जिसमें कालीन बुनाई की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जा रहा है।” हमीद ने आगे कहा कि निर्यात में कई गुना बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। कार्पेट एक्सपो में नए फॉल-विंटर रंग और डिजाइन प्रदर्शित किए जा रहे हैं। सुश्री शुभ्रा, व्यापार सलाहकार, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने मेले का दौरा किया और आयोजकों द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्था एवं विदेशी आयातकों की प्रतक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त की।

एक विदेशी आयातक ने कहा, “यह एक्सपो नई तकनीक के उपयोग के साथ हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के लिए वैश्विक व्यापार के अवसर प्रदान करता है, इस एक्सपो की सफलता मील का पत्थर साबित होगी। हम भारत में इस मेगा एक्सपो का हिस्सा बनकर खुश हैं।”

प्रदर्शकों में से एक ने कहा, “भारत के कालीन उद्योग ने इस क्षेत्र में उच्च वृद्धि देखी है जो पूरी तरह से बाजार के विविधीकरण और नए उत्पादों के नवाचार के लिए जिम्मेदार है जिसमें डिजाइन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमें इस एक्सपो से व्यापार में कई गुना वृद्धि की उम्मीद है।” इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जिसमें खरीदारों को एक छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन और अन्य फर्श कवरिंग प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया गया है। 195 प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ, यह हस्तनिर्मित कालीनों पर दुनिया भर में एक लोकप्रिय मंच बन गया है। मेले के पहले दिन लगभग 27 देशों के 118 विदेशी कालीन खरीदारों और 125 ख़रीदने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें मुख्य रुप से अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका के साथ एशिआई देशों जैसेकि जापान सिंगापुर, कतार आदि देशों से प्रतिनिधियों ने अपनी उस्थिति दर्ज कराई। यह परिषद का प्रयास है कि कालीन आयातकों के साथ-साथ निर्माता-निर्यातक दोनों को एक विशेष व्यावसायिक वातावरण प्रदान किया जाए, जिससे श्रम-प्रधान, ग्रामीण-आधारित एमएसएमई कुटीर उद्योग में कार्यरत लगभग 2 मिलियन बुनकरों और कारीगरों को लाभ मिलेगा। समिति के सदस्य जब अनुभवी खरीदारों से बातचीत कर रहे थे तब उन्होने पाया कि खरीदार अब कोविड19 के डर वाले माहौल से दूर खुद को बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button