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उत्तराखंड समाचार

चिकित्सा क्षेत्र में सिमुलेशन पर आधारित सम्मेलन समपन्न

चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर हुई कार्यशालाएं

भगवती प्रसाद गोयल/ एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस

ऋषिकेश।  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित चिकित्सा क्षेत्र में सिमुलेशन पर आधारित सम्मेलन (एआरसीसिम 2025) विधिवत समपन्न हो गया। इस दौरान चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाएं हुई, जिनमें प्रतिभागियों को सिमुलेशन आधारित तमाम तरह के व्यवहारिक प्रशिक्षण दिए गए। तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-दुनिया से जुटे चिकित्सा विज्ञानियों, विशेषज्ञों, शिक्षकों व स्वास्थ्य पेशेवरों ने चिकित्सा सिमुलेशन के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति तथा स्वास्थ्य शिक्षा एवं रोगी सुरक्षा में इसके परिवर्तनकारी योगदान पर गहन चर्चा की। इस दौरान कार्यशालाओं में 310 प्रतिनिधियों व संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया,जबकि वि​भिन्न प्रशिक्षणों में 70 से अधिक प्रतिभागी शामिल रहे। सम्मेलन के तीसरे दिन क्राफ्टिंग रियलिज़्म: बेसिक म्यूलेज कार्यशाला (फैकल्टी विकास हेतु व्यावहारिक प्रशिक्षण) आयोजित किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को म्यूलेज की कला से परिचय कराया गया। बताया गया कि इसके तहत यथार्थपरक घावों, जलन एवं ट्रॉमा इफेक्ट्स का निर्माण किया जाता है,ताकि सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण को अधिक वास्तविक एवं प्रभावशाली बनाया जा सके। साथ ही एक नई शुरुआत की स्कैनिंग: प्रसूति-अल्ट्रासाउंड सिमुलेशन कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रसूति अल्ट्रासाउंड में व्यवहारिक प्रशिक्षण का अवसर दिया गया, जिसमें मुख्यरूप से प्रथम और द्वितीय तिमाही पर ध्यान केंद्रित किया। रबोटिक एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जरी बेस मास्टरक्लास व्यापक व्यावहारिक सत्र रोबोटिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में मूलभूत कौशलों के विकास पर केंद्रित रहा और शल्य चिकित्सा प्रशिक्षुओं तथा प्रैक्टिस कर रहे सर्जनों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त रहा। इसी प्रकार उन्नत मैकेनिकल वेंटिलेशन कार्यशाला: ह्यूमन पेशेंट सिम्युलेटर के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला में मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता वाले रोगियों के प्रबंधन पर आधारित गहन सिमुलेशन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें हाई-फिडेलिटी ह्यूमन पेशेंट सिम्युलेटर (एचपीएस) का उपयोग करते हुए प्रतिभागियों ने विभिन्न वेंटिलेटर मोड्स का प्रयोग, वेवफॉर्म का विश्लेषण तथा एआरडीएस एवं वीअनिंग प्रोटोकॉल जैसे क्रिटिकल केयर परिदृश्यों का अभ्यास किया गया। सिमुलेशन के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा का गेमिफिकेशन: फैकल्टी डिवेलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) में चिकित्सा शिक्षा में गेमिफिकेशन की अवधारणा का विश्लेषण किया गया, विशेष रूप से सिमुलेशन आधारित शिक्षण के परिप्रेक्ष्य में यह कारगर रहा। जिसके माध्यम से प्रतिभागियों ने यह सीखा कि किस प्रकार मेडिकल एस्केप रूम्स, गेम-आधारित मूल्यांकन और सिमुलेशन चुनौतियां जैसे आकर्षक शिक्षण उपकरण डिजाइन और लागू किए जा सकते हैं। आपदा स्थितियों में प्रतिक्रिया रणनीतियां, दृष्टिकोण और क्रियाएं: वास्तविक परिदृश्य पर आधारित सिमुलेशन सजीव अनुभवात्मक कार्यशाला में वास्तविक जीवन की आपदा स्थितियों जैसे जनहानि की घटनाएं, रासायनिक रिसाव तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सिमुलेशन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों को उच्च तीव्रता वाले अभ्यासों में भाग लिया व त्रैज (Triage) की प्रक्रिया के साथ ही अराजक परिस्थितियों में संगठित प्रतिक्रिया रणनीतियों को अपनाने का प्रशिक्षण दिया गया। सम्मेलन में निदेशक एम्स प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक एवं आयोजन की सह अध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी, संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, सीपीडी प्रमुख एवं सम्मेलन की आयोजन सचिव प्रो. शालिनी राव, आयोजन सचिव डॉ. मृदुल धर व डॉ. फरहानुल हुदा, डॉ. प्रियंका गुप्ता, मीनाक्षी खापरे, डॉ. मनीषा बिष्ट, डॉ. अश्विनी महादुले, डॉ. वान्या सिंह, डॉ. अनीश गुप्ता, डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. आशीष भूते, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. आशीष जैन, डॉ. रूमा ठाकुरिया, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. मंजू पाई, हेमंत कुमार आदि मौजूद थे।

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