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उत्तराखंड समाचार

स्कूलों में अनियमितता की शिकायत, डीएम के निर्देशों पर जांच जारी

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा एक-एक कर निजी स्कूलों में फीस स्टेक्चर की समीक्षा करते हुए शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।

देहरादून। देहरादून जनपद में संचालित निजी विद्यालयों के संबंध में सीएम हेल्पलाइन, टोल फ्री नम्बर और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही शिकायतों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर सुनवाई जारी है। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा एक-एक कर निजी स्कूलों में फीस स्टेक्चर की समीक्षा करते हुए शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। मंगलवार को छः निजी स्कूल संचालकों को शिकायतों के निस्तारण के लिए बुलाया गया था। जिसमें सोशियल बलूनी और चैतन्य टेक्नो स्कूल द्वारा प्रतिभाग न करने पर दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। वही समर वैली स्कूल को फीस में अधिकतम 06 प्रतिशत तक की वृद्धि के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों की अनुपालन आख्या उपलब्ध नहीं कराने पर स्कूल संचालक को तलब किया गया है। स्कूल के संबंध में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु आयोजित सुनवाई में क्राइस्ट स्कूल माजरी ग्रांट डोईवाला, माउंट लिट्रा, संत कबीर और फ्लॉवर डेल स्कूल के संचालक उपस्थित रहे। इन चारों स्कूलों में शुल्क विवरण की जांच की गई। जिसमें माउंट लिट्रा स्कूल में शैक्षिक सत्र 2025-26 में मानक से अधिक फीस बृद्वि मिलने पर स्कूल संचालकों को फीस बढ़ोत्तरी अधिकतम 10 प्रतिशत तक करने की सख्त हिदायत दी गई। जबकि अन्य तीनों स्कूलों में फीस बृद्वि मानक के अनुरूप पाई गई। वही सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से स्कॉलर्स होम स्कूल की मानक से अधिक फीस बढ़ाने की शिकायत मिली। जिस पर जांच करने से पता चला कि स्कूल ने इस बार मानक से अधिक 12 प्रतिशत फीस बृद्वि की है। इस पर विद्यालय को फीस कम करने के निर्देश जारी किए गए है। साथ ही अभिभावकों से 10 प्रतिशत से अधिक वसूूली गई फीस को अगली किस्त में समायोजित करने की हिदायत दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार तीन वर्षाे में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है। कोई भी निजी विद्यालय आरटीई एक्ट और प्रोविजन का उल्लंघन न करें। सुनवाई के अवसर पर उपस्थित विद्यालयों को विद्यालय में प्रचलित पाठ्य पुस्तकों की सूची तथा छात्र गणवेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर उसकी सूची चस्पा करने और सर्कुलर जारी करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसमें विद्यालय की पाठ्य-पुस्तक सामग्री तथा गणवेश बाजार में अधिकतम दुकानों के माध्यम से कम दरों पर उपलब्ध हो सके। बैठक में उप जिलाधिकारी हरिगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल एवं निजी स्कूलों के संचालन मौजूद थे।

 

 

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