उत्तराखंड समाचार

श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया झंडा मेला

आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला 90 फीट ऊंचे श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया हैं।

देहरादून। दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रीझंडे जी का आरोहण हुआ। जैसे ही श्री झंडे जी का आरोहण हुआ गुरु महिमा की जयकारों से शहर गूंज पड़ा। प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला 90 फीट ऊंचे श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया हैं। इसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुट रहे। वहीं सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए कार्यक्रम में प्रतिभाग की अपील थी। दरबार साहिब में मंगलवार को सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के बाद पुराने श्रीझंडे जी को उतारा गया। इसके बाद नए श्रीझंडे जी को गंगाजल और पंचगव्य से स्नान कराया गया। पूजा-अर्चना के बाद अरदास की गई। कोरोना से स्थिति सामान्य होने के करीब दो साल बाद इस साल भव्य स्वरूप में मेले का आयोजन किया गया। मेले में भाग लेने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में संगत और श्रद्धालु देहरादून पहुंचे हैं। सुबह सात बजे से पुराने श्री झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। श्री झंडे जी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है। सन 1676 में श्री गुरु राम राय महाराज देहरादून आए थे। उन्होंने यहां की रमणीयता से मुग्ध होकर ऊंची-नीची पहाड़ी धरती पर जो डेरा बनाया, उसी के अपभ्रंश स्वरूप इस जगह का नाम डेरादीन से डेरादून फिर देहरादून हो गया। उन्होंने इस धरती को अपनी कर्मस्थली बनाया। गुरु महाराज ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा देहरादून के बीच में लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया। इसके साथ ही श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई। श्री गुरु राम राय महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है। श्री गुरु राम राय महाराज सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवे दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था।

24 मार्च को होगी नगर परिक्रमा

श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। नगर परिक्रमा सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगी। श्री दरबार साहिब, श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि परंपरानुसार श्री झंडे जी आरोहण के तीसरे दिन नगर परिक्रमा का आयोजन किया जाता है।

नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंचेगी। यहां से तिलक रोड, टैगोर-विला, घंटाघर से पलटन बाजार होते हुए लक्खीबाग पुलिस चौकी से रीठा मंडी, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंचेगी। इसके बाद ब्रहमलीन श्रीमहंत साहिबान के समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सहारनपुर चौक होते हुए दोपहर 12 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर सम्पन्न होगी।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों की टीम मेला स्थल पर चिकित्सकीय परामर्श के लिए जुटी हुई है। अस्पताल के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र रतूड़ी ने बताया कि अस्पताल की ओर से रोगियों को निशुल्क दवाइयां भी दी जा रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अस्पताल की एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध हैं।

श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगतों को गुरुमंत्र दिया। गुरु मंत्र पाकर संगत धन्य हो गई। संगत ने गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए श्री झंडा साहिब और श्री गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने गुरु महिमा के महत्व को समझाया। महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर ही स्वर्ग की अनुभूति मिल जाती है। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगतों को संदेश दिया कि वे सामाजिक कुरीतियों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, नशा, दहेज प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज बनें व एक समृद्ध समाज के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण वातावरण के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पौधारोपण करें और जल का सही उपयोग करें।

 

 

 

 

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