ग्लोबल मैप पर कल्चरल हब के रूप में उत्तराखंड : राज्यपाल
राज्य के लोकपर्व ही संस्कृति के संरक्षक : राज्यपाल
देहरादून 14 मार्च। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने समस्त उत्तराखंडवासियों को फूल देई/फूल सक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि कामना है कि प्रकृति का यह लोकपर्व समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली लेकर आएगा। उत्तराखंड सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध प्रदेश है। राज्य की अनूठी परंपराएं जीवंत संस्कृति तथा सुंदर लोकपर्व अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। उत्तराखंड का लोक पर्व फूलदेई प्रकृति प्रेम तथा पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। वर्तमान में इस पर्व की प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ गई है। आज संपूर्ण विश्व को हमारी पर्यावरण हितैषी परंपराओं और प्रकृति प्रेम की संस्कृति को जानने की आवश्यकता है। विशेषकर उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को अपने लोकपर्वां एवं संस्कृति के संरक्षण तथा प्रचार-प्रसार के लिए पहल करनी चाहिए। हमें ऐसे प्रयास करने होंगे कि पूरी दुनिया हमारी संस्कृति को देखने आए। हमें उत्तराखंड को वैश्विक मानचित्र पर कल्चरल हब के रूप में विकसित करना है। नए उत्तराखंड का निर्माण यहाँ की समृद्ध संस्कृति एवं परंपराओं की नींव पर ही होगा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि राज्य के लोकपर्व ही यहाँ की संस्कृति के संरक्षक है। नई पीढ़ी को उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं से परिचित कराने में यह पर्व संवाहक की भूमिका निभाते हैं। फूलदेई बच्चों से जुड़ा पर्व है, इसलिए उत्तराखंड का प्रत्येक बालक-बालिका बचपन से ही अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ जाता है तथा उनमें प्रकृति के प्रति सम्मान का भाव विकसित हो जाता है। राज्यपाल ने उत्तराखंड के लोक परंपराओं तथा संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयासरत समस्त संस्थाओं, संगठनों एवं व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना की है तथा उन्हें शुभकामनाएं दी है।