महिलाएं समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
संस्थानों में आंतरिक समिति का गठन होना बहुत आवश्यक
देहरादून। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के निर्देशन में पराविधिक कार्यकर्ता मीनाक्षी कपूरवान द्वारा लेबर कॉलोनी ऋषिकेश में कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के प्रावधानों पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित सभी महिलाओं को बताया गया कि महिलाएं समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनकी सुरक्षा अति आवश्यक है यह कानून कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है महिलाएं कामकाजी प्राणी है जिनका कार्य स्थल पर यौन हिंसा के शिकार आए दिन होते रहते हैं यह अधिनियम महिलाओं को कार्य स्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के खतरे का मुकाबला करने के लिए उनकी मदद करता है कानून के अनुसार 10 या उससे अधिक कर्मचारी वाले संस्थानों में आंतरिक समिति का गठन होना बहुत आवश्यक है कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न उसके अधिकारों का हनन है उसे पर किसी भी प्रकार के सेक्स के दबाव बनाना उसके शरीर को छूना गलत कमेंट्स करना आदि आचरण में शामिल किया गया है दोषी को अपने किए दोष पर लिखित माफी या जुर्माना भी देना पड़ेगा परंतु महिला द्वारा संतुष्ट न होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा सकती हैं । नशा पीड़ित है हतू टोल फ्री नंबर 1933 की जानकारी दी गई एवं नालसा द्वारा जारी न्याय एवं विधिक सहायता हेतु टोल फ्री नंबर 15 100 की भी जानकारी दी गई 14 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी सभी महिलाओं को जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मिलने वाली निशुल्क विधिक सहायता के विषय में भी जानकारी दी गई।