‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ कार्यक्रम का आयोजन
भारत में बीमारी के बोझ में 56.4% योगदान अस्वास्थ्यकर आहार का है।
देहरादून। एक सेहतमंद राष्ट्र के लिए नागरिकों के जीवन को बदलने में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, स्वास्थ्य और कल्याण आवश्यकताओं का समर्थन करने वाली एक अग्रणी कंपनी एमवे इंडिया ने देहरादून सहित पूरे देश में लक्षित उपायों के साथ राष्ट्रीय पोषण माह मनाया। इस वर्ष के विषय “सभी के लिए पौष्टिक आहार” के साथ संरेखित, इस पहल ने दैनिक पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने वाले आहार के महत्व के बारे में समझ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। इन उपायों ने स्वस्थ जीवन को प्राथमिकता देकर एक सेहतमंद भारत के निर्माण के कंपनी के दृष्टिकोण को मजबूत किया। संतुलित आहार, दिन की सही शुरुआत के लिए सुबह का पौष्टिक आहार, गुणवत्तापूर्ण उत्पादों द्वारा समर्थित आवश्यकता-आधारित पोषण संबंधी सिफारिशें और खाना पकाने की स्वस्थ युक्तियों को बढ़ावा देकर, महीने भर चलने वाली इस पहल का उद्देश्य वितरकों को ज्ञान और जरूरी उपकरणों से लैस करना था ताकि वे खुद और अपने ग्राहकों को सूचित आहार विकल्प बनाने और स्थायी, स्वास्थ्यवर्धक आदतें बनाने में मदद कर सकें। एमवे इंडिया ने राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान पोषण-आधारित लक्षित उपायों के माध्यम से देश भर में 30,000 वितरकों और उनके ग्राहकों को इस कार्यक्रम से जोड़ा। एमवे इंडिया के प्रबंध निदेशक, रजनीश चोपड़ा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा, “चूंकि पोषण संबंधी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, इसलिए संतुलित पोषण को सभी के लिए सुलभ और व्यावहारिक बनाना अत्यावश्यक हो गया है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में बीमारी के बोझ में 56.4% योगदान अस्वास्थ्यकर आहार का है। हम एमवे इंडिया में ‘स्वास्थ्य सबसे पहले’ के ध्येय पर गर्व करते हैं, जो हमारे द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों का मार्गदर्शन करता है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान हमारे द्वारा किए गए उपाय समुदायों को स्वस्थ विकल्प चुनने के ज्ञान के साथ सशक्त बनाने के लिए तैयार किए गए थे, जो इस विश्वास को मूर्त रूप देते हैं कि स्वास्थ्य एक मौलिक सिद्धांत है। राष्ट्रीय पोषण माह की पहल के माध्यम से, एमवे इंडिया ने अपने वितरकों के लिए पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में दैनिक शैक्षिक कार्यशालाओं का आयोजन किया – प्रत्येक कार्यशाला पौष्टिक, संतुलित आहार और सुबह के पोषण के महत्व पर केंद्रित थी।