उत्तराखंड समाचार

अपनी ही संपत्ति भूला हल्द्वानी नगर निगम, तीन साल के बाद भी नहीं लिया कब्जा

ऐसी संपत्तियों पर कहीं आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं तो कहीं इन्हें लावारिस ही छोड़ दिया गया है।

हल्द्वानी : नगर निगम प्रशासन अपनी संपत्ति पर कब्जा लेने के लिए ही लापरवाह बना हुआ है। तीन साल से अधिक समय बीतने के बावजूद नगर निगम 24 संपत्तियों को अपने हाथ नहीं ले पाया है। ऐसी संपत्तियों पर कहीं आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं तो कहीं इन्हें लावारिस ही छोड़ दिया गया है। जुलाई2018 में हुए परिसीमन के बाद हल्द्वानी विकासखंड के 36 ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल कर लिया। परिसीमन के बाद यहां की सामुदायिक संपत्ति नगर निगम के अधीन आनी चाहिए थी, लेकिन निगम के उदासीनता के कारण अधिकतर संपत्तियां लावरिस स्थिति में हैं।कुछ जगहों पर आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं, लेकिन इनसे नगर निगम को किसी तरह की आय नहीं हो रही है। कुछ परिसंपत्तियां जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं। अब निगम प्रशासन फिर से इन्हें अपने अधिकार में लेने की तैयारी कर रहा है।

नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय का कहना है कि पूर्व में परिसंपत्तियों पर कब्जा लेने की कवायद हुई थी। कुछ जगहों पर अस्पताल या आंगनबाड़ी केंद्र आदि संचालित होने से उन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सका। इस दिशा में फिर से प्रयास होगा। मल्ली बमौरी में आंगनबाड़ी भवन, तल्ली बमौरी में पंचायत घर, बिठौरिया एक में पंचायत घर, स्वास्थ्य केंद्र पंचायत घर, पुराना पंचायत घर, धर्मशाला, व्यायामशाला, बिठौरिया दो में जन मिलन केंद्र, लोहरियासाल मल्ला में पंचायत घर, आयुर्वेदिक अस्पताल भवन, लोहरियासाल तल्ला में पंचायत घर, रामलीला स्टेज, पंचायत घर स्थित मैदान, ऊंचापुल में पंचायत घर, मुखानी में पंचायत भवन, जनमिलन केंद्र, हल्द्वानी तल्ली में आंगनबाड़ी केंद्र, गौजाजाली उत्तर में पंचायत भवन, गौजाजाली बिचली में पंचायत घर, भगवानपुर बिचली में नया व पुराना पंचायत घर, हिम्मतपुर तल्ला, हरिपुर नायक व छड़ायल सुयाल में पंचायत भवन।

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