प्रत्याशी बदलकर भी भाजपा नहीं कर पाई करिश्मा
भाजपा की ओर से कराए गए सर्वे में इस सीट पर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर हावी रहा
झबरेड़ा: झबरेड़ा विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बदलने के बावजूद भाजपा कोई करिश्मा नहीं कर पाई है। इस सीट पर पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। हालांकि अब इस पर मंथन भी चल रहा है।
2017 में पहली बार झबरेड़ा सीट पर भाजपा के देशराज कर्णवाल ने जीत हासिल की थी। उससे पहले इस सीट पर बसपा के हरिदास विधायक रहे हैं। बसपा के प्रभाव वाली इस सीट पर 2017 में देशराज कर्णवाल की जीत के बाद ही यहां विवाद शुरू हो गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल और खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच छिड़ा विवाद जग जाहिर है। सड़क से लेकर थाने, कोतवाली तक मामला पहुंचा। भाजपा की ओर से कराए गए सर्वे में इस सीट पर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर हावी रहा। जिस पर पार्टी हाईकमान की ओर से मौजूदा विधायक का टिकट काट दिया गया। विधायक ने पत्नी वैजयंती माला के लिए टिकट की दावेदारी की, लेकिन पार्टी ने कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस छोड़कर आए राजपाल सिंह को भाजपा से टिकट दे दिया। यहां पर कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े विरेंद्र कुमार जाती ने भाजपा प्रत्याशी को 8216 वोट से हराया। यहां कांग्रेस को 39,652 और भाजपा प्रत्याशी को 31,436 मत मिले हैं।