उत्तराखंड समाचार

प्रकृति के साथ हमारे गहरे रिश्ते का प्रतीक हरेला

हरेला सिर्फ एक त्यौहार ना होकर जीवनशैली का प्रतिबिंब

देहरादून, 16 जुलाई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा की आज हरेला है उत्तराखंड की धरती का वो पर्व, जो हरियाली के साथ उम्मीदों के नए अंकुर लाता है। पहाड़ों की गोद में मनाया जाने वाला यह त्योहार सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ हमारे गहरे रिश्ते का प्रतीक है। हरेला हमें याद दिलाता है कि विकास और प्रकृति संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं। इस हरेला हम सब अपने आस पास एक पौधा लगाएँ, एक नई जिंदगी को जन्म दें।

हरेला सिर्फ एक त्यौहार ना होकर जीवनशैली का प्रतिबिंब है। यह प्रकृति के साथ संतुलन स्थापित करने वाला त्योहार है। प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन हमेशा से हमारी परंपरा का अहम अंग रहा है। हरेला उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के साथ ही प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण का भी प्रमुख लोकपर्व है।

प्रकृति से स्नेह तथा इसी में रचने बसने की प्रवृत्ति है हरेला!!

भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल “निशंक” ने कहा की उत्तराखंड का लोकमानस प्रकृति में ही रचता बसता है। यहाँ का लोकजीवन अपने को सदा ही प्रकृति से जोड़े रखता है। लोक-कला, संस्कृति, खान-पान, मेले-उत्सव, परंपराएं इस प्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य में विद्यमान हैं। अपने जल तथा वन को वे सदा मन में रखते हैं तो जब वे गाते हैं, गुनगुनाते हैं, झूमते हैं, तो प्रकृति की संस्कृति की झलक मिलती है। जल, वृक्ष और वन हमारी पूजा-अर्चना के माध्यम हैं। हरेला भी एक ऐसा ही उत्सव है। धरती को सजाने का उत्सव। हरियाली का संदेश, खुशहाली का संदेश, घर-घर में पूजा स्थलों पर हरियाली उगाई जाती है, प्रसाद के रूप में वितरण की जाती है। हरियाली के संदेश को जन जन तक पहुंचाने का ये अद्वितीय अनुष्ठान है।

उत्तराखंड राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा की हरेला पर्व से सभी को पर्यावरण संरक्षण करते हुए आने वाले भविष्य में पेड पौधा रोपण कर आक्सीजन कमी को दूर कर समाज को सुरक्षित करे। ‘देवभूमि’ के पर्व यहां की समृद्ध संस्कृति एवं परंपराओं की मनभावन झलक दिखलाते हैं।

उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने धर्म, संस्कृति, संप्रदाय से ऊपर संपूर्ण मानवजाती का प्रकृति एवं पर्यावरण को समर्पित प्रेम उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा, सुख-समृद्धि व पर्यावरण संरक्षण जागरूकता का प्रतीक लोक महापर्व ” हरेला” के शुभअवसर डिफेंस कालोनी स्थित आवास में वृक्षारोपण किया।

 

 

 

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