ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हुई, 60 घायल
सिलीगुड़ी में मालगाड़ी और कंचनजंघा एक्सप्रेस के बीच टक्कर, अब तक 15 की मौत
पश्चिम बंगाल, 17 जून। पश्चिम बंगाल में एक रेल दुर्घटना हुई, जब तेज गति से आ रही मालगाड़ी खड़ी कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकरा गई। यह टक्कर रंगापानी स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन सिलीगुड़ी से गुजरी थी और एनजेपी से सियालदह जा रही थी। पुलिस के अनुसार टक्कर में पीछे के तीन डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सात यात्रियों की मौत हो गई। रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह घटना रंगापानी और निजबारी स्टेशनों के बीच हुई। दार्जिलिंग पुलिस के अतिरिक्त एसपी अभिषेक रॉय ने कहा – “दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौत हो गई है, 20-25 घायल हो गए हैं। स्थिति गंभीर है। यह दुर्घटना तब हुई जब एक मालगाड़ी कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकरा गई।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में हुए दुखद हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कंचनजंघा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी और बचाव तथा चिकित्सा सहायता के लिए जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा प्रतिक्रिया दल सहित विस्तृत टीमें भेजी गई हैं। स्थिति से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी हैं। कटिहार डीआरएम ने कहा कि हालांकि विवरण अभी भी सत्यापित किए जा रहे हैं, लेकिन ट्रेन दुर्घटना में 10 से 15 लोगों के हताहत होने और दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचना है। आगे की जानकारी जल्द ही दी जाएगी। आसपास के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। कटिहार और न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) से बचाव दल दुर्घटना स्थल पर भेजे गए हैं। घायलों की सहायता के लिए मेडिकल टीमें भी रवाना हो गई हैं। दुर्घटना में अगरतला से सियालदह जा रही ट्रेन संख्या 13174 कंचनजंघा एक्सप्रेस शामिल थी, जो रंगापानी और चतरहाट के पास पटरी से उतर गई। दार्जिलिंग एसपी और आईजी उत्तर बंगाल घटनास्थल पर हैं। बचाव अभियान चलाने के लिए आपदा प्रबंधन समूहों और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। बिहार के किशनगंज सहित आसपास के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस रंगापानी और निजबारी के बीच पटरी से उतर गई। बताया जाता है कि ट्रेन पटरी पर खड़ी थी, तभी तेज रफ्तार मालगाड़ी ने उससे टक्कर मार दी, जिससे तीन डिब्बे पटरी से उतर गए।
दुर्घटना के कारण रेल परिचालन बाधित हुआ है, कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर रुकी हुई हैं। न्यू जलपाईगुड़ी से राहत ट्रेनें दुर्घटना स्थल पर भेजी गई हैं।
दुर्घटना में ट्रेन संख्या 13174 कंचनजंघा एक्सप्रेस शामिल थी, जो न्यू जलपाईगुड़ी से करीब एक घंटे देरी से रवाना हुई थी। टक्कर उस समय हुई, जब ट्रेन खड़ी थी, जिससे काफी नुकसान हुआ और लोग हताहत हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।’ उन्होंने आगे लिखा कि अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों की सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल पर जा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि इस घटना में मालगाड़ी के ड्राइवर और सहायक ड्राइवर और कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के गार्ड की मौत हो गई है। उन्होंने बयाता कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा। सिग्नल की अनदेखी करने वाले ड्राइवर (लोको पायलट) की मौत हो गई और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड की भी जान चली गई। अगरतला-सियालदह मार्ग पर सभी रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए है।
अधिकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हुई ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है जबकि 60 घायल हुए हैं। उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) ने बताया कि 13174 कंचनजंगा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह जा रही थी तभी यह दुर्घटना हुई। उन्होंने बताया कि टक्कर के बाद एक्सप्रेस ट्रेन का एक डिब्बा अलग हो गया और मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गया। इस दुर्घटना पर सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नजर बनाए हुए हैं। सोशल मीडिया मंच एक्स पर उन्होंने लिखा कि जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों की मौजूदगी में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है।